त्योहारों का महीना शुरू हो चुका है या यूँ कह लिया जाए कि त्योहारों का समय आ चुका है और अब एक के बाद एक त्यौहार आने वाले हैं. ऐसे में गणेश चतुर्थी का त्योहार भारत के विभिन्न भागों में मनाया जाता है और महाराष्ट्र में तो लोग इसे बडी़ धूमधाम से मनाते हैं. वहीं खबरें हैं कि इस साल यह त्योहार 2 सितंबर को मनाया जाने वाला है और ऐसा माना जाता है कि गणेश चतुर्थी के दिन गणेश का जन्म हुआ था. आप सभी को बता दें कि यह त्योहार 7-10 दिन तक मनाया जाता है.
वहीं इसे लेकर धार्मिक मान्यता है कि गणेश जी की पूजा करने से किसी भी शुभ कार्य में कोई विघ्न, बाधा नहीं आती है. इसलिए हर कार्य में सबसे पहले गणपति की पूजा करने का विधान है. इन दिनों लोग अपनी इच्छानुसार 7-10 दिन तक अपने घरों में बप्पा को विराजमान करते हैं और उनके सामने उनके पसंद के पकवान रखते हैं. इसी के साथ जब गणेश जाते हैं तो वह सबके दुख हरकर ले जाते हैं. एक यही कारण है कि लोग उन्हें अपने घर में विराजमान करते हैं. वहीं 10 दिन बाद उनका विसर्जन किया जाता है और इन दिनों गणेशजी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है जो आप देखते ही होंगे.
आपको बता दें कि संकष्टी चतुर्थी के मौके पर यश, सम्मान, समृद्धि और सुख के लिए गणेश जी की पूजा की जाती है और विघ्नहर्ता गणेश का विधि-विधान और पूरे मन से किया गया पूजन मनचाहा फल देता है. कहा जाता है इस दिन सुबह-सुबह पूजा करके गणेश भगवान को दूर्वा जरूर चढ़ानी चाहिए और कुमकुम से स्वास्तिक बनाना चाहिए. इसी के साथ भगवान गणेश को तुलसी को छोड़कर सभी तरह के फूल श्री गणेश को अर्पित किए जा सकते हैं और इसके बाद गणपति को मोदक का भोग लगाकर अपनी मनोकामना पूरी करवा सकते हैं.
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।