आज है स्कंद षष्ठी, इस तरह करें पूजन

कहते हैं भगवान शिव व पार्वती के पुत्र श्री गणेश और भगवान कार्तिकेय का पूजन का बड़ा महत्व हैं और श्री गणेश की तरह भगवान कार्तिकेय भी काफी बुद्धिशाली एवं बलशाली हैं. ऐसे में कार्तिक भगवान की स्कंद षष्ठी मनाने को लेकर एक कथा भी प्रसिद्ध हैं और इस बारे में यह बताया जाता हैं कि ”तारकासुर नामक एक राक्षस ने देवलोक में काफी उत्पात मचा रखा था. जो देवताओं को काफी हानि पहुँचा रहा था.” आपको बता दें कि आज स्कन्द षष्ठी है. भगवान कार्तिकेय की आराधना से गंभीर पापों से मुक्ति मिलती है और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए भगवान कार्तिकेय की पूजा अवश्य करें.

इसी के साथ कहते हैं हर महीने की षष्ठी तिथि को भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाती हैं और भगवान कार्तिकेय का वाहन मोर है. आप सभी को पता ही होगा कि स्कंदपुराण कार्तिकेय को ही समर्पित है और अपने माता-पिता की तरह की दोनों को दिव्य दृष्टि अगर मनुष्य पर पड़ जाए तो उसको कई प्रकार के सुख मिलते हैं. वहीं स्कंद षष्ठी भगवान कार्तिकेय को समर्पित होकर शास्त्रों के अनुसार पुराणों में इसका काफी महत्व हैं और इस दिन भगवान कार्तिकेय का व्रत एवं पूजन करने से संतान प्राप्ति एवं सन्तान सबंधित दुःख व पीड़ा खत्म होती हैं. इसी के साथ ही अनेक फल देने वाला यह व्रत हर माता को अवश्य ही करना चाहिए, और आज हम आपको इस व्रत कि कथा बताने जा रहे हैं.

कथा – पौराणिक मान्यता के अनुसार तारकासुर नामक एक राक्षस ने देवलोक में काफी उत्पात मचा रखा था. जो देवताओं को काफी हानि पहुँचा रहा था. तभी देवताओं ने भगवान कार्तिकेय से प्रार्थना की गई की वे उस राक्षस से देवताओं की सुरक्षा करें. तभी भगवान कार्तिकेय ने तारकासुर नामक राक्षस का सामना किया और उसका वध कर दिया. इसलिए स्कंद षष्ठी को मनाया जाता हैं एवं भगवान कार्तिकेय का पूजन कर कई प्रकार के फलों की प्राप्ति की जाती हैं.

स्वास्थ्य के लिए क्यों अच्छा है रक्षासूत्र, जानिए इसे बंधवाने के 3 सेहत फायदे
नाग पंचमी पर ये 12 नागदेव देते हैं विशेष आशीष

Check Also

26 अप्रैल का राशिफल

मेष दैनिक राशिफल (Aries Daily Horoscope) आज का दिन आपके लिए सामान्य रहने वाला है। आप …