आखिरी सोमवार के दिन है प्रदोष व्रत, पूजन से होगा महालाभ

आप सभी जानते ही होंगे कि भगवान शिव को प्रिय महीना सावन का होता है और इस महीने का समापन 15 अगस्त को रक्षाबंधन के त्योहार के साथ हो जाएगा. वहीं इससे पहले भगवान शिव की भक्ति में डूबने का एक अहम मौका 12 अगस्त को जरूर आ रहा है और 12 अगस्त को सावन का सोमवार है. ऐसे में इस दिन शुभ संयोग भी है क्योंकि इस दिन प्रदोष व्रत है. ऐसी मान्यता है कि सावन के आखिरी सोमवार के दिन रुद्राभिषेक करने से मनोकामनाएं जरूर पूर्ण हो जाती हैं और केकल इतना ही नहीं, इस दिन भगवान महाकाल की पूजा-अर्चना करने से बड़े से बड़ा संकट भी टल जाता है. जी हाँ, इस दिन भोले का पूजन बड़े लाभ दिला सकता है.

आखिरी सोमवार के दिन प्रदोष व्रत भी – आपको बता दें कि सावन का आखिरी सोमवार होने के कारण 12 अगस्त का महत्व ऐसे भी काफी बढ़ गया है और इसी के साथ ही प्रदोष व्रत ने इस दिन को और शुभ बना दिया है. वहीं प्रदोष व्रत में भगवान शिव की ही पूजा करते हैं और यह पूजा शाम को करते हैं. वहीं प्रदोष व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि के दिन किया जाता है और इसे शुक्ल और कृष्ण दोनों ही पक्षों की त्रयोदशी के दिन किया जाता है इस कारण से इसे तेरस भी कहते हैं. वहीं ऐसे में जिस दिन भी प्रदोष व्रत होते हैं, उसकी महिमा अलग होती है.

वहीं कहा जाता है हर दिन का प्रदोष शुभ है लेकिन कुछ विशेष दिन बेहद शुभ और लाभदायी माने जाते हैं. इन सभी में सोमवार को आने वाले प्रदोष, मंगलवार को आने वाले भौम प्रदोष और शनिवार को पड़ने वाले शनि प्रदोष का महत्व अधिक है. कहा जाता है जिस प्रकार भगवान विष्णु को समर्पित दो एकादशी होते हैं, वैसे ही हर माह दो प्रदोष व्रत भी आते हैं. ऐसे में इस बार अगर आप प्रदोष व्रत पर पूजन करते हैं तो आपकी सभी मुश्किलें कट जाएंगी.

आखिर सोमवार को ही क्यों नाखून काटना होता है शुभ?
भूलकर भी न करें इस तरह गायत्री मंत्र का जप, जानें 7 खास बातें

Check Also

घर में कार पार्किंग के लिए वास्तु के इन नियमों का करें पालन

सनातन धर्म में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व है। वास्तु शास्त्र में घर में सभी …