आज भी घर में जब बेटियों का जन्म होता है तो कहा जाता है कि घर में लक्ष्मी आयी है। कोई ये क्यों नहीं कहता कि मेरे यहां सरस्वती जी का प्रादुर्भाव हुआ है? पुरूष प्रधान समाज में बौद्धिक महिलायें पुरुष के अस्तित्व को चुनौती न देने लगे शायद इसलिए बेटियों का सम्बोधन सरस्वती नहीं लक्ष्मी के रूप में किया …
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धनतेरस के दिन क्यों खरीदे जाते हैं नए बर्तन?
दीपावली से पहले शुभ मुहूर्त में विभिन्न वस्तुओं की खरीदारी की जाती है। धनतेरस को आभूषण, बर्तन तथा अन्य वस्तुओं की खरीदारी का विशेष शुभ दिन माना जाता है। इस दिन स्वर्ण, चांदी, बर्तन, पुस्तक के अलावा इलेक्ट्रॉनिक सामान आदि भी खरीदा जाता है। 9 नवम्बर 2015 को धनतेरस है। जानिए धन तेरस से जुड़ी कुछ रोचक बातें। कार्तिक मास …
Read More »ऐसा राजा जिसके थे 1 हजार हाथ, 10 हजार पुत्र
सदियों पहले एक बहुत ही शक्तिशाली राजा था। उसे लोग सहस्त्रबाहु के नाम से जानते थे, लेकिन उसका असली नाम था कार्तवीर्यअर्जुन। वह हैहय-वंश का राजा था। उसने भगवान दत्तात्रेय को प्रसन्न किया और उन्होंने उसे एक हजार हाथों का वरदान दिया। उसके करीब 10 हजार पुत्र थे। एक हजार हाथ पाकर वह इतना शक्तिशाली हो गया कि उसे हराने …
Read More »अनोखा गांव! यहां एक सप्ताह पहले मनाते हैं दिवाली
मूल रूप से बस्तर की दियारी पर्व का अर्थ फसल व पशुधन की रक्षा और अभिवृद्धि से होता है और यह संपूर्ण दियारी पर्व का केंद्र बिन्दु होता है। धोरई चरवाह जो प्राय: महार जाति का होता है, इस धोरइयों के द्वारा गाय चराई के रूप में पैसे नहीं लिए जाते हैं। बस्तर में पशुधन स्वामियों द्वारा धोरई परिवार को …
Read More »मां सीता ने दिया इस नदी को शाप आैर बदल गया इसका रास्ता
गया। वैदिक परंपरा और हिंदू मान्यताओं के अनुसार सनातन काल से श्राद्ध की परंपरा चली आ रही है। माना जाता है प्रत्येक मनुष्य पर देव ऋण, गुरु ऋण और पितृ (माता-पिता) ऋण होते हैं। पितृऋण से मुक्ति तभी मिलती है, जब माता-पिता के मरणोपरांत पितृपक्ष में उनके लिए विधिवत श्राद्ध किया जाए। आश्विन कृष्ण पक्ष प्रतिपदा से आश्विन महीने के …
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Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।