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भीष्म के १२ नाम

देवव्रत: ये उनका असली नाम था जो उन्हें उनकी माता गंगा ने दिया था। भीष्म प्रतिज्ञा लेने तक वे इसी नाम से जाने जाते रहे। भीष्म: ये नाम उन्हें उनकी प्रतिज्ञा के कारण प्राप्त हुआ जो उन्होंने सदैव ब्रह्मचारी रहने के लिए की थी। भीष्म का अर्थ होता है भीषण और उनकी भीषण प्रतिज्ञा के कारण देवताओं और शांतनु से उन्हें ये नाम …

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ब्रज के इन मंदिरों से है भगवान शिव का सीधा संबंध, विशेष है यहां की खप्पर पूजा

यूं तो शिव के मंदिर भारत में उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्व से लेकर पश्चिम तक हैं लेकिन ब्रजमण्डल के शिव मंदिरों की कुछ खास ही बात है। कई मंदिर यहां ऐसे हैं जिनके बारे में जनश्रुति है कि भगवान शिव यहां पदार्पित हुए थे।कहते हैं कि द्वापर युग में भगवान शिव कई बार ब्रज आए थे। यहां तीन ऐसे मंदिर हैं जो …

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भगवान शिव ने माता पार्वती को बताए थे मृत्यु के ये 8 महत्वपूर्ण संकेत

* मृत्यु के बारे में अगर आप भी कुछ ऐसा ही महसूस करते हैं तो समझिए मृत्यु निकट है, पढ़ें 8 विशेष संकेतजब इंसान मृत्यु के बारे में बात करता है और उसके बारे में सोचता है तो उसके दिमाग में एक अजीब सा डर बैठ जाता है। हालांकि, इंसान जानता है कि जीवन का सबसे बड़ा सत्य मृत्यु है। …

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जानिए कब से हुआ होलाष्टक की प्रथा का आरंभ, पढ़ें शिव-पार्वती की पौराणिक कथा

होली की एक प्रामाणिक कथा के अनुसार हिमालय पुत्री पार्वती चाहती थीं कि उनका विवाह भगवान भोलेनाथ से हो जाए परंतु शिवजी अपनी तपस्या में लीन थे।तब कामदेव पार्वती की सहायता के लिए को आए। उन्होंने प्रेम बाण चलाया और भगवान शिव की तपस्या भंग हो गई। शिवजी को बहुत क्रोध आया और उन्होंने अपनी तीसरी आंख खोल दी।कामदेव का …

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होलाष्टक कब है? इन खास तारीखों में न करें कोई भी शुभ काम, वरना होगा नुकसान

इस साल होलाष्टक 13 मार्च 2019, बुधवार से शुरू होगा। 13 मार्च से 20 मार्च तक होलाष्‍टक रहेगा। 20 मार्च को होलिका दहन के साथ यह समाप्‍त होगा। होलाष्‍टक के दिनों में सभी तरह के शुभ कार्य वर्जित होते हैं।होलाष्टक क्यों माना जाता है अशुभमान्यता है कि भक्त प्रह्लाद की नारायण भक्ति से क्रोधित होकर हिरण्यकश्यप ने होली से पहले आठ दिनों में उन्हें कई तरह के …

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