रावण के भाई विभीषण की पत्नी का गन्धर्व कन्या सरमा थीं। सरमा की पुत्री का नाम त्रिजटा था। जब राम ने माता सीता का हरण कर लिया था तो उन्हें अशोक वाटिका में रखा गया था। इस वाटिका में त्रिजटा को उनकी देखरेख के लिए नियुक्त किया गया था। रामायण में त्रिजटा का जिक्र बहुत बार हुआ है। दोनों मां और बेटी …
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हनुमानजी को जब भूतनियों ने भूतराजा के समक्ष थाली में सजाकर किया पेश
यह पौराणिक कथा है। हालांकि इसका उल्लेख रामायण आदि ग्रंथों में विस्तार से नहीं मिलता है। हो सकता है कि यह किवदंतियों के आधार पर जनमानस में प्रचलित हो गई हो। यह भी हो सकता है कि इस कथा में सचाई कम ही हो, लेकिन कथा मजेदार है। आप भी पढ़िये। इस कथा के अनुसार एक दिन राम सिंहासन पर विराजमान थे …
Read More »आप नहीं जानते हैं कि महाभारत में एक नहीं तीन कृष्ण थे, चौंकाने वाला रहस्य
पहले कृष्ण : महाभारत में पहले कृष्ण महर्षि वेदव्यास थे, जिन्होंने महाभारत की रचना की थी। इनकी माता का नाम सत्यवती और पिता का नाम महर्षि पाराशर था। इनका असली नाम श्रीकृष्ण द्वैपायन था। इस संबंध में दो कथाएं मिलती हैं। पहली यह कि इनका रंग सावंला था और इनका जन्म एक द्वीप पर हुआ था। इसीलिए इन्हें श्रीकृष्ण द्वैपायन कहा जाता है। दूसरी यह …
Read More »हनुमान जी लंका तैरकर गए थे या कि उड़कर, जानिए सच
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता। अस बर दीन्ह जानकी माता।” ”चारों जुग परताप तुम्हारा, है परसिद्ध जगत उजियारा॥” हनुमानजी के लंका जाने के बारे में लोगों की भिन्न-भिन्न मान्यताएं हैं। कुछ मानते हैं कि वे तैरकर गए थे, कुछ के अनुसार वे उड़कर गए थे और कुछ के अनुसार वे छल्लांग लगाते हुए या एक टापू से दूसरे टापू …
Read More »कृष्ण शंकर युद्ध
दानवीर दैत्यराज बलि के सौ प्रतापी पुत्र थे, उनमें सबसे बड़ा वाणासुर था। वाणासुर ने भगवान शंकर की बड़ी कठिन तपस्या की। शंकर जी ने उसके तप से प्रसन्न होकर उसे सहस्त्र बाहु तथा अपार बल दे दिया। उसके सहस्त्र बाहु और अपार बल के भय से कोई भी उससे युद्ध नहीं करता था। इसी कारण से वाणासुर अति अहंकारी …
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