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आखिर भगवान राम को उनके ही भक्त ने कैसे हराया

पुराणों में इस कथा का उल्लेख है कि अश्वमेघ यज्ञ के पूर्ण होने के पश्चात श्री राम ने एक बड़ी सभा का आयोजन किया। सभी राजाओं को उसमें आमंत्रित किया गया। सभा में आए नारद जी के भड़काने पर एक राजा ने भरी सभा में ऋषि विश्वामित्र को छोड़कर सभी को प्रणाम किया। ऋषि विश्वामित्र गुस्से से भर उठे और …

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जानिए कैसे हनुमान जी को मिले थे भगवान श्री राम…

तुलसीदास जब पैदा हुए तो रोते हुए पैदा नही हुए और पैदा होने के साथ ही उनके मुंह में पुरे के पुरे बत्तीस दांत भी थे, पहला ही शब्द उनके मुख से निकला था राम इस कारण नामकरण हुआ रामबोला. उनके पिता का नाम था आत्मा राम माता का नाम हुलसी, पत्नी का नाम था रत्नावली(बुद्धिमती) और पुत्र का नाम …

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श्री राम और हनुमानजी के बीच में आखिर क्यों हुआ था युद्ध…

हनुमानजी को राम का सबसे बड़ा भक्त माना जाता है। हनुमान सर्वशक्तिमान और सर्वज्ञ हैं।कहते हैं कि दुनिया चले न श्रीराम के बिना और रामजी चले न हनुमान के बिना। हनुमानजी, राम के परम भक्त और उनकी भक्ति में रहने के लिए ही धरती पर अवतरित हुए है आपने आज तक यही सुना होगा की भगवान् राम के परम भक्त …

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भगवान राम ने देवी सीता को मुंह द‌िखाई में द‌िया ऐसा उपहार

व‌िवाह के मौके पर मुंह द‌िखाई की रस्म होती है ज‌िसमें पत‌ि अपनी पत्‍नी को कोई उपहार देता है। भगवान राम ने मुंह द‌िखाई की रस्म में देवी सीता को ऐसा उपहार द‌िया ज‌िसे पाने के बाद देवी सीता की खुशी का ठ‌िकाना न रहा और भगवान राम बन गए मर्यादा पुरुषोत्तम। भगवान राम का व‌िवाह मार्गशीर्ष महीने में शुक्ल …

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भगवान श्री राम के आदर्श चरित्र के बारे में जान खुद पर करें अमल

श्री रामचंद्र जी की सभी चेष्टाएं धर्म, ज्ञान, नीति, शिक्षा, गुण, प्रभाव, तत्व एवं रहस्य से भरी हुई हैं। उनका व्यवहार देवता, ऋषि, मुनि, मनुष्य, पक्षी, पशु आदि सभी के साथ ही प्रशंसनीय, अलौकिक और अतुलनीय है। देवता, ऋषि, मुनि और मनुष्यों की तो बात ही क्या-जाम्बवान, सुग्रीव, हनुमान आदि रीछ-वानर, जटायु आदि पक्षी तथा विभीषण आदि राक्षसों के साथ …

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