बातचीत से ही मसला हल हो जाता तो महाभारत का युद्ध नहीं होता। ऐसे समय जबकि बातचीत के सारे विकल्प आजमा लिए गए थे और जब बातचीत असफल हो गई तब युद्ध शुरू हुआ। कुरुक्षेत्र में युद्ध के प्रथम ही दिन जब कुंतीपुत्र अर्जुन ने सामने खड़ी सेना में अपने बंधु और बांधवों को देखा तो अत्यन्त करुणा से युक्त होकर शोक वचन कहने लगा। अर्जुन बोले- हे कृष्ण! …
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शिव के रुद्राभिषेक से होते हैं 18 आश्चर्यजनक लाभ, चौंक जाएंगे पढ़कर…
रुद्र अर्थात भूतभावन शिव का अभिषेक। शिव और रुद्र परस्पर एक-दूसरे के पर्यायवाची हैं। शिव को ही ‘रुद्र’ कहा जाता है, क्योंकि रुतम्-दु:खम्, द्रावयति-नाशयतीतिरुद्र: यानी कि भोले सभी दु:खों को नष्ट कर देते हैं।हमारे धर्मग्रंथों के अनुसार हमारे द्वारा किए गए पाप ही हमारे दु:खों के कारण हैं। रुद्रार्चन और रुद्राभिषेक से हमारी कुंडली से पातक कर्म एवं महापातक भी जलकर भस्म …
Read More »महाशिवरात्रि महापर्व : 4 प्रहर की 4 पूजा के 4 मंत्र कौन से हैं?
शिव सामान्य फूल से भी प्रसन्न हो जाते हैं। बस भाव होना चाहिए। इस व्रत को जनसाधारण स्त्री-पुरुष , बच्चा, युवा और वृद्ध सभी करते है। धनवान हो या निर्धन, श्रद्धालु अपने सामर्थ्य के अनुसार इस दिन रुद्राभिषेक, यज्ञ और पूजन करते हैं। भाव से भगवान आशुतोष को प्रसन्न करने का हर संभव प्रयास करते हैं।महाशिवरात्रि का ये महाव्रत हमें …
Read More »शिवरात्रि पर भोलेनाथ शिव के साथ भगवान विष्णु भी होते हैं प्रसन्न, इन मंत्रों से सुनेंगे हर मनोकामना…
इस वर्ष 4 मार्च2019 को महाशिवरात्रि का विशेष पर्व है। भगवान भोलेनाथ इस दिन प्रसन्न होते हैं लेकिन ब्रह्मवैवर्त पुराण में वर्णित है कि इस दिन भगवान विष्णु भी प्रसन्न होकर मनचाही कामना पूरी करते हैं… अपनी राशि से जानिए भगवान विष्णु का कौन सा मंत्र महाशिवरात्रि पर आपके लिए शुभ है…मेष : ॐ विश्वरूपाय नम: का जाप करें। वृषभ …
Read More »बिल्वपत्र से जुड़े बड़े सवालों का जवाब मिलेगा यहां, जानिए बिल्वपत्र कब न तोड़ें
शिव शुद्ध कल्याण का पर्याय हैं। शिव उपासना शैव संप्रदाय में विशेष रूप से होती है, लेकिन भगवान शंकर की शीघ्र प्रसन्न होने की प्रवृत्ति के कारण इनकी पूजा सभी आस्तिकजन अपनी लौकिक व पारलौकिक कामना की पूर्ति के लिए हमेशा करते हैं। प्रभु आशुतोष के पूजन में अभिषेक व बिल्वपत्र का प्रथम स्थान है। ऋषियों ने तो यह कहा है कि …
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Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।