Web_Wing

सूनी अयोध्या देख दुखी हुए भरत, चित्रकूट के लिए प्रयाण

रामनगर। विश्व विख्यात रामलीला में शुक्रवार को भरत के भातृप्रेम की लीला सामाजिक आदर्शों के ऊंचे मानकों पर स्थापित रही। राम को वन भेजने वाली अपनी मां कैकेयी को वह अनेक उलाहनाएं देते हैं। वह राम को मनाने के लिए अयोध्या से निकल पड़ते हैं। भरत आगमन की लीला देखने के लिए लीला प्रेमियों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। लीला …

Read More »

जब माता शबरी ने भगवान श्रीराम को खि‍लाए जूठे बेर…

भील जाति की एक कन्या थी श्रमणा, जिसे बाद में शबरी के नाम से जाना गया । बचपन से ही वह भगवान श्रीराम की अनन्य भक्त थी । उसे जब भी समय मिलता, वह भगवान की पूजा- अर्चना करती । बडी होने पर जब उसका विवाह होनेवाला था तो अगले दिन भोजन के लिए काफी बकरियों की बलि दी जानी …

Read More »

बदलते युग में श्रीराम के आदर्शों की प्रासंगिकता…

श्रीराम आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं। क्योंकि उनकी कार्यप्रणाली का ही दूसरा नाम-‘प्रजातंत्र’ है। उनकी कार्यप्रणाली को समझने से पहले ‘श्रीराम’ को समझना होगा। श्रीराम यानी संस्कृति, धर्म, राष्ट्रीयता और पराक्रम। सच कहा जाए तो ‘अध्यात्म गीता’ का आरंभ श्रीराम जन्म से आरंभ होकर ‘श्रीकृष्ण’ रूप में पूर्ण होता है। एक आम आदमी बनकर जीवनयापन करने के लिए जो ‘तत्व’, …

Read More »

जब एक प्रेत और हनुमान जी के सहयोग से तुलसीदास को हुए प्रभु श्रीराम जी के दर्शन… 

श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को तुलसीदास जयंती के रूप में मनाई जाती है। इस बार तुलसी जयंती 17 अगस्त, शुक्रवार को है। तुलसीदास जी के बारे में मान्यता है कि कलयुग में इन्हें भगवान राम और लक्ष्मण जी के दर्शन प्राप्त हुए थे। तुलसीदास जी के विषय में यह भी मान्यता है कि पूर्वजन्म में यह …

Read More »

नवरात्रि में प्रतिपदा से नवमी तक ऐसे करें मां दुर्गा की आराधना, मिलेगा मन चाहा फल

नवरात्रि में प्रतिपदा से नवमी तक ऐसे करें मां दुर्गा की आराधना, मिलेगा मन चाहा फल

नवरात्रि में विधि-विधान से मां भगवती की आराधना, पूजन-अर्चन व जप करने पर साधक के लिए कुछ भी अगम्य नहीं रहता। माता दुर्गा के 9 रूपों का उल्लेख श्री दुर्गा-सप्तशती के कवच में है जिनकी साधना करने से भिन्न-भिन्न फल प्राप्त होते हैं। कई साधक अलग-अलग तिथियों को जिस देवी की हैं, उनकी साधना करते हैं, जैसे प्रतिपदा से नवमी तक क्रमश:- …

Read More »