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राम भी ठीक से नहीं बोल पाते थे वाल्मीकि, ऐसे हुई रामायण की रचना

महर्ष‍ि वाल्मीकि को आद‍ि भारत का प्रमुख ऋष‍ि माना जाता है। उनको संस्कृत भाषा के आदि कवि होने का गौरव भी प्राप्‍त है। वहीं आदि काव्य ‘रामायण’ के रचयिता के तौर पर भी जाने जाते हैं। उनके द्वारा रचित रामायण को सबसे ज्‍यादा सही माना गया है। हालांकि इसकी कई बातें तुलसीदास द्वारा ल‍िखी गई रामायण से अलग हैं।  महर्ष‍ि …

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तो हनुमान जी को ऐसे मिला बल, बुद्धि और विद्या

पवनपुत्र हनुमान जी की मां अंजनी उनकी शिक्षा को लेकर काफी चिंतित थीं। इसलिए उन्होंने इस बारे में सूर्यदेव से चर्चा की। उन्होंने सूर्यदेव से कहा, ‘‘हे सूर्यदेव, आप बजरंगबली को ज्ञान प्रदान करें। इस समय आपसे श्रेष्ठ शिक्षक तीनों लोकों में कोई नहीं है।’’ बचपन में हनुमान जी ने सूर्यदेव को अपने मुंह में रख लिया था, जिसके कारण …

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इस वजह से बजरंगबली में आया था अहंकार…

पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब श्रीराम और लक्ष्मण के लंका जाने के लिए पुल के बनाने की तैयारी चल रही थी, तब श्रीराम ने एक इच्छा जाहिर की थी कि वह समुद्र सेतु पर शिवलिंग स्थापित करना चाहते हैं। उन्होंने हनुमान जी से कहा कि शुभ मुहूर्त के अंदर काशी जाकर भगवान शंकर से लिंग मांग कर लाओ। हनुमान जी …

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गरूड़ को क्यों हुआ श्रीराम के भगवान होने पर शक

रामायण हिंदू धर्म का प्रमुख ग्रंथ, जिसके बारे में ज्यादातर लोग जानते ही हैं। हिंदू धर्म के इस ग्रंथ के रचयिता तुलीसदास जी है। लेकिन क्या आप जानते हैं तुलसीदास जी से पहले ही किसी ने पूरी राम कथा का प्रचार कर दिया था। जी हां, आज हम आपको बताएंगे कि तुलसीदास के अलावा कौन था जिसने रामायण की गाथा …

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आखिर भगवान श्रीराम के ही हाथों क्यों चुनी रावण ने अपनी मृत्यु

अगर रामायण के प्रमुुख पात्रों को याद किया जाए तो उसमें श्रीराम और हनुमान जी के नाम के बाद रावण का नाम आता है। रावण जिसने श्रीराम की अर्धांगिनी सीता का हरण किया था और उन्हें अपनी बनाना चाहता था। सारस्वत ब्राह्मण पुलस्त्य ऋषि का पौत्र और विश्रवा का पुत्र रावण एक परम शिव भक्त, उद्भट राजनीतिज्ञ , महापराक्रमी योद्धा, …

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