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अधिकमास में भी किए जा सकते हैं कई शुभ कार्य

मलमास या अधिकमास में शुभ काम ना करने के सुझाव दिए जाते है। इस बार अधिक मास 18 सितंबर से 16 अक्टूबर तक रहेगा। ज्योतिषाचार्य भूषण कौशल कहते हैं कि अधिकमास को प्रभु विष्णु के नाम पुरुषोत्तम मास के नाम से भी जाना जाता है। इसलिए इस समय में कुछ खास शुभ कार्यों से परहेज करने की आवश्यकता नहीं है। …

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यदि जल्दी करनी है शादी तो इस नवरात्रि मां कात्यायनी को करे प्रसन्न

नवरात्रि के हर दिन माँ के अलग-अलग रूपों का पूजन किया जाता है। ऐसे में नवरात्रि के छठे द‍िन मां कात्यायनी का पूजन किया जाता है और कहते हैं मां कात्यायनी अपने भक्तगणों पर हमेशा अपनी कृपा दृष्टि रखती हैं। ऐसे में माँ को संस्कृत शब्दकोश में उमा, कात्यायनी, गौरी, काली, हेमावती, इस्वरी इन नामों से भी जाना जाता है …

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29 सितंबर से न्याय के देवता शनि देव की सीधी चाल का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा: धर्म

राहु केतु के बाद अब न्याय के देवता शनि भी अपनी चाल बदल रहे हैं। 29 सितंबर से शनि अपनी राशि मकर में मार्गी (सीधी चाल में चलेंगे) होंगे। इसी साल 11 मई को शनि वक्री हुए थे। शनि की सीधी चाल का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा। राशि चक्र की 12 राशियों में से चार राशियों पर इसका विपरित प्रभाव …

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मलमास में तुलसी के पौधे की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है : धर्म

अधिक मास को पुरुषोत्तम मास कहा जाता है। इस माह के स्वामी भगवान विष्णु हैं। इसलिए अधिक मास में उनकी विशेष रूप से आराधना की जाती है। शास्त्रों में कहा गया है कि इस मास में जो भगवान विष्णु का पूजन करता है उसे कई गुना फल की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यता है कि इस महीने जगत के पालनहार …

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न्याय के देवता शनिदेव के साहस के कारण ही रावण का पुत्र मेघनाद हुआ था अल्पायु : धर्म

रावण ज्योतिष विद्या का प्रकाण्ड विद्वान था। कहते हैं एक बार उसने अपने ज्योतिष ज्ञान के बल से सभी ग्रहों को अपने एक स्थिति में रहने के लिए बाध्य कर दिया था। इस दौरान जब सभी ग्रह रावण के भय से त्रस्त थे। उसी समय कर्मफलदाता शनि रावण के खिलाफ विद्रोह कर रहे थे. रावण की पत्नी मंदोदरी जब मेघनाथ …

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