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4 मठ स्थापित करने के लिए आदिशंकराचार्य ने उपयोग किया चारों दिशाओं का

प्राचीन भारतीय सनातन परम्परा के विकास और हिंदू धर्म के प्रचार-प्रसार में आदि शंकराचार्य का महान योगदान रहा है. उन्होंने भारतीय सनातन परम्परा को पूरे देश में फैलाने के लिए भारत के चारों कोनों में चार शंकराचार्य मठों की स्थापना की थी. ये चारों मठ आज भी चार शंकराचार्यों के नेतृत्व में सनातन परम्परा का प्रचार व प्रसार कर रहे …

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यह है वो स्थान जहा हुआ था शिव-पार्वती का विवाह

हिन्दू सभ्यता में रुद्रप्रयाग में स्थित ‘त्रियुगी नारायण’ एक ऐसी पवित्र जगह है, जहा के लिए माना जाता है कि सतयुग में जब भगवान शिव ने माता पार्वती से विवाह किया था तब यह ‘हिमवत’ की राजधानी था. इस जगह पर आज भी हर साल देश भर से लोग संतान प्राप्ति के लिए इकट्ठा होते हैं और हर साल सितंबर …

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एक ऐसा मंदिर जहा पुजारी होती है महिला पंडित

देवी अहिल्‍या के मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालू पहुंचते हैं. ये मंदिर वहीं है, जहां भगवान राम ने अहिल्‍या का उद्धार किया गया था. कहां है ये मंदिर- दरभंगा के कमतौल स्थित अहिल्या स्थान में रामनवमी के दिन अनोखी परम्परा देखी जाती है. यहां श्रद्धालु अहले सुबह से बैंगन का भार लेकर मंदिर में पहुंचते है. जहां राम …

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इस वजह से भोलेनाथ धारण करते हैं बाघ की खाल

भोलेनाथ का पूजन सभी बहुत धूम धाम से करते हैं. ऐसे में पौराणिक कथाओं में शिव भगवान के वस्त्रों का उल्लेख किया गया है जो हैरान कर देने वाले हैं. आप सभी ने अक्सर ही भोले के गले में सर्प, जटाओं में चंद्रमा, जटाओं से बहती गंगा की धारा, हाथ में डमरू और त्रिशुल देखा है और इसी के साथ भगवान …

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ऐसे हुआ था भोलेनाथ का जन्म, जानिए मान्यताएं

सावन का महीना भोले बाबा का माना जाता है. ऐसे में लोग कहते हैं और मानते हैं कि हिन्दू धर्म लाखों वर्ष से चला आ रहा है ऐसे में बहुत कम लोग इस बात से वाकिफ है कि आखिर कब हुआ था शिव का जन्म? तो आइए जानते हैं भोलेनाथ के जन्म से जुडी इन मान्यताओं को. पौराणिक प्रमाण- कहते …

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