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घर में भूलकर भी ना रखें ये चीज़ें वार्ना जल्द हो जाएंगे कंगाल

आज के वक्त में हर कोई व्यक्ति अपने घर का निर्माण वास्तुशास्त्र के अनुसार करना चाहता है। आप और हम सभी लोगों को परिवार की भलाई और समृद्घि के लिए वास्तु शास्त्र का महत्व मालूम हैं। लेकिन कभी-कभी होता कुछ ऐसा जिन बातों पर हमारा ध्यान ही नहीं जा पता है जो हकीकत में हमारे परिवार के लिए अच्छा नहीं …

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हाथ से गिर जाए यह चीजे तो देती है अपशकुन का इशारा

हम सभी जानते ही हैं कि कई बार घर के बड़ें लोग एक साधारण सी घटना पर भविष्य का अंदेशा लगा लेते हैं और ऐसा ही कुछ होता है तब जब हमारे हाथ से कुछ गिर जाए। जी हाँ, कई बार अंजाने में हमारे हाथ से कोई ना कोई वस्तु गिरती रहती है जिसे हम तो कुछ नहीं मानते लेकिन …

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हिन्दु धर्म के हिसाब से ये है नहाने का सही तरीका, आप भी रखें इन बातों का ध्यान

ज्योतिष शास्त्र, वास्तु शास्त्र, सामुद्रिक शास्त्र, ऐसी ही कुछ विधाएं हैं जिनके प्रयोग से हम जीवन में आ रहे संकटों के रुख मोड़ सकते हैं। तकलीफ होने पर लोग इन शास्त्रीय उपायों का प्रयोग करते हैं, लेकिन पहले भी यदि ये उपाय किए जाएं तो परेशानी का मुख नहीं देखना पड़ेगा। खैर यहां हम आपको  कुछ शास्त्रीय उपायों की चर्चा …

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नमस्कार करने की इस कथा को जरूर पढ़े और जानें किसे करना चाहिए नमस्कार

राजगृह का श्रेष्ठीपुत्र सिगाल सुबह-सुबह उठ कर नगर के बाहर गया। भीगे वस्त्रों से और भीगे केश से पूर्व, दक्षिण, पश्चिम, उत्तर, नीचे और ऊपर छहों दिशाओं की ओर हाथ जोड़-जोड़ कर नमस्कार करने लगा। उन दिनों की अनेक पूजन-विधियों और कर्मकांडों में से यह भी एक था। उसी समय भगवान वेणुवन विहार से निकले और राजगृह नगर में भिक्षाटन …

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इन सात बातों से मजबूत होता है पति-पत्नी का रिश्ता

दाम्पत्य कहते किसे हैं? क्या सिर्फ विवाहित होना या पति-पत्नी का साथ रहना दाम्पत्य कहा जा सकता है। पति-पत्नी के बीच का ऐसा धर्मसंबंध जो कर्तव्य और पवित्रता पर आधारित हो। इस संबंध की डोर जितनी कोमल होती है, उतनी ही मजबूत भी। जिंदगी की असल सार्थकताको जानने के लिये धर्म-अध्यात्म के मार्ग पर दो साथी, सहचरों का प्रतिज्ञा बद्ध होकर आगे बढऩा ही दाम्पत्य या वैवाहिक जीवन का मकसदहोता है। यह एक वैज्ञानिक तथ्य है कि शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्तरों पर स्त्री और पुरुष दोनों ही अधूरे होते हैं। दोनों के मिलन से हीअधूरापन भरता है। दोनों की अपूर्णता जब पूर्णता में बदल जाती है तो अध्यात्म के मार्ग पर बढऩा आसान और आंनद पूर्ण हो जाता है। दाम्पत्यकी भव्य इमारत जिन आधारों पर टिकी है वे मुख्य रूप से सात हैं। रामायण में राम सीता के दाम्पत्य में ये सात बातें देखने को मिलती हैं। संयम : यानि समय-यमय पर उठने वाली मानसिक उत्तेजनाओं जैसे- कामवासना, क्रोध, लोभ, अहंकार तथा मोह आदि पर नियंत्रण रखना।राम-सीता ने अपना संपूर्ण दाम्पत्य बहुत ही संयम और प्रेम से जीया। वे कहीं भी मानसिक या शारीरिक रूप से अनियंत्रित नहीं हुए। संतुष्टि : यानि एक दूसरे के साथ रहते हुए समय और परिस्थिति के अनुसार जो भी सुख-सुविधा प्राप्त हो जाए उसी में संतोष करना। दोनों एकदूसरे से पूर्णत: संतुष्ट थे। कभी राम ने सीता में या सीता ने राम में कोई कमी नहीं देखी। संतान : दाम्पत्य जीवन में संतान का भी बड़ा महत्वपूर्ण स्थान होता है। पति-पत्नी के  बीच के संबंधों को मधुर और मजबूत बनाने में बच्चों कीअहम् भूमिका  रहती है। राम और सीता के बीच वनवास को खत्म करने और सीता को पवित्र साबित करने में उनके बच्चों लव और कुश ने बहुतमहत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। संवेदनशीलता : पति-पत्नी के रूप में एक दूसरे की भावनाओं का समझना और उनकी कद्र करना। राम और सीता के बीच संवेदनाओं का गहरारिश्ता था। दोनों बिना कहे-सुने ही एक दूसरे के मन की बात समझ जाते थे। संकल्प : पति-पत्नी के रूप अपने धर्म संबंध को अच्छी तरह निभाने के  लिये अपने कर्तव्य को संकल्पपूर्वक पूरा करना। सक्षम : सामथ्र्य का होना। दाम्पत्य यानि कि वैवाहिक जीवन को सफलता और खुशहाली से भरा-पूरा बनाने के लिये पति-पत्नी दोनों कोशारीरिक, आर्थिक  और मानसिक रूप से मजबूत होना बहुत ही आवश्यक है। समर्पण : दाम्पत्य यानि वैवाहिक जीवन में पति-पत्नी का एक दूसरे के  प्रति  पूरा समर्पण और त्याग होना भी आवश्यक  है। एक-दूसरे कीखातिर अपनी कुछ इच्छाओं और आवश्यकताओं को त्याग देना या  समझौता कर लेना दाम्पत्य संबंधों को मधुर बनाए रखने के लिये बड़ा हीजरूरी होता है। सात फेरों की मजबूती बत्तीस वचनों से पवित्र अगि्न को साक्षी मानकर लिए गए सात फेरे जिंदगी का अहम हिस्सा होते हैं, जिसमें प्यार, संयम, समझदारी के साथ जिंदगी भर साथ निभाने का वादा होता है, इसलिए अगर आप भी विवाह के पवित्र बंधन में बंधने जा रहे हैं तो इन …

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