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इस वर्ष में भगवान राम ने धरती पर लिया था जन्म…

सदियों से भगवान राम की कथा भारतीय संस्कृति में रची बसी है, लेकिन हर बार ये सवाल उठता है कि आखिर लोगों में पूजे जाने वाले राम जी का जन्म कब, कहां और कैसे हुआ. ठीक उसी तरह लोग भगवान कृष्ण की जन्म गाथा के बारे में जानना चाहते हैं. आज हम आपके इस सवाल का जवाब देंगे कि आखिर …

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सूनी अयोध्या देख दुखी हुए भरत, चित्रकूट के लिए प्रयाण

रामनगर। विश्व विख्यात रामलीला में शुक्रवार को भरत के भातृप्रेम की लीला सामाजिक आदर्शों के ऊंचे मानकों पर स्थापित रही। राम को वन भेजने वाली अपनी मां कैकेयी को वह अनेक उलाहनाएं देते हैं। वह राम को मनाने के लिए अयोध्या से निकल पड़ते हैं। भरत आगमन की लीला देखने के लिए लीला प्रेमियों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। लीला …

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जब माता शबरी ने भगवान श्रीराम को खि‍लाए जूठे बेर…

भील जाति की एक कन्या थी श्रमणा, जिसे बाद में शबरी के नाम से जाना गया । बचपन से ही वह भगवान श्रीराम की अनन्य भक्त थी । उसे जब भी समय मिलता, वह भगवान की पूजा- अर्चना करती । बडी होने पर जब उसका विवाह होनेवाला था तो अगले दिन भोजन के लिए काफी बकरियों की बलि दी जानी …

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बदलते युग में श्रीराम के आदर्शों की प्रासंगिकता…

श्रीराम आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं। क्योंकि उनकी कार्यप्रणाली का ही दूसरा नाम-‘प्रजातंत्र’ है। उनकी कार्यप्रणाली को समझने से पहले ‘श्रीराम’ को समझना होगा। श्रीराम यानी संस्कृति, धर्म, राष्ट्रीयता और पराक्रम। सच कहा जाए तो ‘अध्यात्म गीता’ का आरंभ श्रीराम जन्म से आरंभ होकर ‘श्रीकृष्ण’ रूप में पूर्ण होता है। एक आम आदमी बनकर जीवनयापन करने के लिए जो ‘तत्व’, …

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जब एक प्रेत और हनुमान जी के सहयोग से तुलसीदास को हुए प्रभु श्रीराम जी के दर्शन… 

श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को तुलसीदास जयंती के रूप में मनाई जाती है। इस बार तुलसी जयंती 17 अगस्त, शुक्रवार को है। तुलसीदास जी के बारे में मान्यता है कि कलयुग में इन्हें भगवान राम और लक्ष्मण जी के दर्शन प्राप्त हुए थे। तुलसीदास जी के विषय में यह भी मान्यता है कि पूर्वजन्म में यह …

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