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कपालेश्वर महादेव मंदिर : अनूठा मंदिर जहां शिव के साथ नहीं हैं नंदी

दुनिया भर में नासिक को कुंभ के मेले की पहचाना जाता है। लेकिन यहां पर एक शिव मंदिर ऐसा है। जिसमें शिव के प्रिय वाहन नंदी उनके साथ नहीं हैं। इस मंदिर को लोग कपालेश्वर महादेव मंदिर के रूप में जानते हैं।इसके पीछे यह कारण बताया गया है कि बात उस समय की है जब ब्रह्म देव के पांच मुख थे। चार मुख तो भगवान की …

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आइए चलें श्री सोमनाथ मंदिर : जानिए कथा, इतिहास और महत्व

गुजरात प्रांत के काठियावाड़ क्षेत्र में समुद्र के किनारे सोमनाथ नामक विश्वप्रसिद्ध मंदिर में यह ज्योतिर्लिंग स्थापित है। पहले यह क्षेत्र प्रभासक्षेत्र के नाम से जाना जाता था। यहीं भगवान्‌ श्रीकृष्ण ने जरा नामक व्याध के बाण को निमित्त बनाकर अपनी लीला का संवरण किया था। यहां के ज्योतिर्लिंग की कथा का पुराणों में इस प्रकार से वर्णन है-दक्ष प्रजापति …

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महाशिवरात्रि के दूसरे दिन महाकाल के शीश पर सजा फूलों का सेहरा

महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि के दूसरे दिन सुबह चार बजे भस्मारती हुई, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। इसके बाद बाबा महाकाल के सिर फूलों का सेहरा सजाया गया। सोमवार तड़के सुबह शुरू हुआ दर्शन का सिलसिला अभी आज रात 11 बजे तक चलेगा। महाशिवरात्रि के अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने महाकाल के दर्शन किए। आज …

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कैलाश मानसरोवर : अलौकिक, अद्भुत, आश्चर्यजनक है यहां का हर कोना

आइए हम आपको दर्शन करा रहे हैं कैलाश मानसरोवर के। मानसरोवर वही पवित्र जगह है, जिसे शिव का धाम माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार मानसरोवर के पास स्थित कैलाश पर्वत पर शिव-शंभु का धाम है। यही वह पावन जगह है, जहां शिव-शंभु आज भी सपरिवार विराजते हैं।कैलाश पर्वत, 22,028 फीट ऊंचा एक पत्थर का पिरामिड, जिस पर सालभर बर्फ की सफेद …

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बाबा अमरनाथ : सुंदर शीतल वातावरण में बनते प्राकृतिक दिव्य शिवलिंग

फिर यहीं से यात्रा का दूसरा व दुर्गम चरण आंरभ होता है, 13 किमी दूर पंजतरणी की ओर। फिर से शुरू होती है एक ओर कठिन चढ़ाई। महागुनस शिखर की ओर जो 14800 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। इस शिखर पर ऑक्सीजन की कमी है क्योंकि अमरनाथ यात्रा के दौरान यही शिखर सबसे ऊंचा है। ऑक्सीजन की कमी के …

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