मानव मन अनेक कमजोरियों को सहज ही आत्मसात कर लेता है। महान धनुर्धारी अर्जुन ने रणक्षेत्र में अपने आत्मीय जनों को देखकर अपना धनुष धरती पर रख दिया था। ऐसे में कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश देते हुए कहा,तस्मादुत्तिष्ठ कौन्तेय युद्धाय कृतनिश्चय:। इसलिए, अर्जुन तू युद्ध के लिए निश्चय कर खड़ा हो जा। अर्जुन ने तो कृष्ण …
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ये 3 उपदेश देकर भीष्म ने उत्तरायण में क्यों त्यागे थे प्राण?
मकर संक्रांति पुण्य और पवित्रता का दिन है। महाभारत में भी इस दिन का उल्लेख किया गया है क्योंकि पितामह भीष्म ने मकर संक्रांति के दिन प्राण त्यागे थे और उन्होंने मोक्ष प्राप्त किया। इससे पहले वे उत्तरायण की प्रतीक्षा करते रहे और बाणों की शैया पर कष्ट सहन करते रहे। मान्यता है कि दक्षिणायन में प्राण त्याग करने से …
Read More »शिवलिंग पर हल्दी नहीं चढ़ाना चाहिए, क्योंकि…
शिवलिंग शिवजी का ही साक्षात रूप माना जाता है। विधि-विधान से शिवलिंग का पूजन करने पर शिवजी प्रसन्न होते हैं और साथ ही सभी देवी-देवताओं की कृपा भी प्राप्त होती है। शिवपुराण के अनुसार शिवलिंग एक दैवीय शक्ति है, जो हमारी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती है।सामान्यत: देवी-देवताओं के विधिवत पूजन आदि कामों में बहुत सी सामग्रियां शामिल की जाती हैं। …
Read More »शाम के समय शादी को हिदू धर्म मे अच्छा क्यों माना गया है?
शादी एक ऐसा मौका होता है जब दो इंसानो के साथ-साथ दो परिवारों का रिश्ता बन जाता है। ऐसे में विवाह संबंधी सभी कार्य पूरी सावधानी और शुभ मुहूर्त देखकर ही किए जाते हैं। विवाह में सबसे मुख्य रस्म होती है फेरों की। हिंदू धर्म के अनुसार सात फेरों के बाद ही शादी की रस्म पूरी होती है और …
Read More »सदियों पुराना है यह रहस्य, ऐसे होगा बुराई का खात्मा और धरती बनेगी स्वर्ग
उभरती बुराई ने दबती सी अच्छाई से कहा, कुछ भी हो, लाख मतभेद हों, पर है तू मेरी सहेली। मुझे अपने सामने तेरा दबना अच्छा नहीं लगता। अलग खड़ी न हो मुझमें मिल जा। मैं तुझे भी अपने साथ बढ़ा लूंगी, समाज में फैला लूंगी। भलाई ने शांति से उत्तर दिया, तुम्हारी हमदर्दी के लिए धन्यवाद, पर रहना मुझे …
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