चारों जुग परताप तुम्हारा, है परसिद्ध जगत उजियारा॥ संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥ अंतकाल रघुवरपुर जाई, जहां जन्म हरिभक्त कहाई॥ और देवता चित्त ना धरई, हनुमत सेई सर्व सुख करई॥ सब सुख लहै तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू को डरना… अर्थ- जो भी आपकी शरण में आते हैं, उस सभी को आनन्द प्राप्त होता है, और …
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जब नारद ने पूछा माया क्या है तो बाढ़ में बह गए पत्नी और बच्चे….
एक पौराणिक कथा के अनुसार एक बार नारद मुनि ने भगवान विष्णु से पूछा कि भगवन माया क्या है? जगत पालक विष्णुजी यह प्रश्न सुनकर मुस्कराए और बोले-किसी दिन दिखा देंगे। बहुत दिन व्यतीत होने के बाद एक दिन भगवान विष्णु नारद मुनि को साथ लेकर चल दिए। रास्ते में एक जगह एक वृक्ष के नीचे विष्णु ने रुककर …
Read More »जब तुलसीदास के सामने प्रकट हुए हनुमान, पढ़ें पौराणिक कथा
श्रीरामचरित मानस लिखने के दौरान तुलसीदासजी ने लिखा- सिय राम मय सब जग जानी; करहु प्रणाम जोरी जुग पानी! अर्थात ‘सब में राम हैं और हमें उनको हाथ जोड़कर प्रणाम करना चाहिए।’ यह लिखने के उपरांत तुलसीदासजी जब अपने गांव की तरफ जा रहे थे तो किसी बच्चे ने आवाज दी- ‘महात्माजी, उधर से मत जाओ। बैल गुस्से में है …
Read More »महाभारत : इसलिए युधिष्ठिर को देखना पड़ा था नरक
कहते हैं कि युधिष्ठिर ही एकमात्र ऐसे पांडव थे जिन्होंने सशरीर स्वर्ग में प्रवेश किया था। स्वर्ग जाकर युधिष्ठिर ने जब अपने भाइयों को नहीं देखा तो देवताओं से कहा कि मेरे भाई तथा द्रौपदी जिस लोक में गए हैं, मैं भी उसी लोक में जाना चाहता हूं। मुझे उनसे अधिक उत्तम लोक की कामना नहीं है। तब देवताओं ने कहा कि …
Read More »अद्भुत हैं यक्ष द्वारा युधिष्ठिर से पूछे गए प्रश्न, जानिए दूसरा प्रश्न
आप भी अपने जीवन में कुछ प्रश्नों के उत्तर ढूंढ ही रहे होंगे। यदि ऐसा है तो निश्चित यक्ष द्वारा युधिष्ठिर से पूछे गए प्रश्नों को पढ़ना चाहिए। निश्चित ही उसमें से एक प्रश्न आपका भी होगा। अब सवाल यह उठता है कि यक्ष ने युधिष्ठिर से क्यों पूछे थे ये प्रश्न? तो इसके लिए पढ़िये छोटी-सी कथा और फिर …
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