हम यह जानते हैं, कि हमारा शरीर पांच तत्वों से मिलकर बना है। इन तत्वों में से पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु को हम अनुभव कर सकते हैं, लेकिन आकाश हमारे अनुभव से परे है। क्या अंतरिक्ष का असीमित फैलाव ही आकाश तत्व है? प्रश्न: नमस्कारम सद्गुरु। सद्गुरु पंचभूत का एक तत्व आकाश है। आपके एक यूट्यूब वीडियो में मैंने सुना …
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रहस्य: इसलिए पूजा जाता है भगवान शिव का लिंग
शिव ब्रह्मरूप होने के कारण निष्कल अर्थात निराकार हैं । उनका न कोई स्वरूप है और न ही आकार वे निराकार हैं । आदि और अंत न होने से लिंग को शिव का निराकार रूप माना जाता है । जबकि उनके साकार रूप में उन्हे भगवान शंकर मानकर पूजा जाता है । केवल शिव ही निराकार लिंग के रूप में …
Read More »रावण ने स्वयं चुनी थी श्रीराम के हाथों मृत्यु जानें क्यों ?
जब जीव के स्वभाव में रजोगुण अथवा तमोगुण की अधिकता होती है, तो उनके सभी कर्म, कामना और आसक्ति से प्रेरित होते हैं। तमोगुण से उत्पन्न अज्ञान तो मनुष्य में कर्तव्य कर्मों के प्रति अप्रवृत्ति उत्पन्न करता है, अगर उपरोक्त गुण जीव के स्वभाव में आ जाएं तो लोभ, स्वार्थ बुद्धि से कर्मों का सकामभाव से आरंभ,अशांति, विषय भोगों की …
Read More »वनवास में यहां आए थे सीता और श्रीराम, आज भी बने हैं कदमों के निशान
भारत भूमि पर भगवान के अनेक अवतार हुए हैं। उनका उद्देश्य मानव को सत्य का संदेश देना था। यहां के कई तीर्थों में ऐसी विशेषताएं पाई जाती हैं जिनका संबंध उन अवतारों से रहा है। भले ही आज का विज्ञान उन्हें सहज रूप में स्वीकार नहीं करता लेकिन इससे श्रद्धा की डोर कभी कमजोर नहीं हुई। ऐसा ही एक मंदिर …
Read More »कथाः विष्णु जी ने शिव को क्यों अर्पित कर दिया था अपना नेत्र?
भगवान की कृपा का दूसरा नाम ही वरदान है। जिस पर उनकी कृपा होती है उसके जीवन में आने वाले शूल भी फूल बन जाते हैं। पुराणों में भगवान के वरदान से संबंधित अनेक कथाएं हैं जो एक भक्त का अपने भगवान पर भरोसा और मजबूत करती हैं। सभी देवों में शिवजी सबसे शीघ्र प्रसन्न होने वाले, दयालु और वरदानी …
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