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क्या सच में इससे सीखा श्रीराम ने न्याय करना…

जब श्रीराम पत्नी सीता, भाई लक्ष्मण और अपने प्रिय हनुमान जी के साथ चौदह वर्ष के वनवास से लौटे तो अयोध्या वासियों ने उनका ख़ूब स्वागत किया। बाद में बड़ी धूम-धाम से उनका राजतिलक किया गया। बड़े मान-सम्मान के साथ उन्हें अयोध्या का राजा बनाया गया। राज गद्दी पर विराजित होने के बाद उन्होंने भाई लक्ष्मण जी को आदेश दिया …

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मां संतोषी देती हैं समृद्धि का वरदान

शुक्रवार देवी शक्ति का वार, जी हां, देवी शक्ति। माना जाता है कि शुक्रवार के दिन देवियों की पूजा करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। यही नहीं कहा जाता है कि देवियों का पूजन करने से अद्भुत शक्ति मिलती है।  कहा जाता है कि शुक्रवार को देवी शक्ति श्रद्धालुओं की मनोकामना को पूरा करती हैं। इस दिन संतोषी …

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…तो क्या इस वजह से माता कैकेई ने मांगा राम का वनवास

हमारे मुख्य ग्रंथ रामायण की रचना की नींव डालने में एक पात्र की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका थी। यह पात्र और कोई नहीं बल्कि राजा दशरथ की तीन रानियों में से एक कैकेई थी। हमने हमेशा से यही जाना है कि कैकेई के कारण भगवान राम को 14 वर्ष के बनवास के लिए जाना पड़ा और इसीलिए कैकेई की छवि एक …

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जब भगवान राम को आया था गुस्सा, फोड़ दी थी इंद्र पुत्र की आंख

विष्णु के सातवें अवतार श्री राम को शांतचित्त, गंभीर, सहिष्णु और धैर्यवान माना जाता है। दिव्य शक्तियों के होते हुए भी उन्होंने मानव शरीर में जन्म लिया था और इसलिए मानवीय सीमाएं उन पर भी लागू होती थीं। मर्यादा पुरुषोत्तम होते हुए भी सब कुछ कर सकने में सक्षम होते हुए भी भगवान राम को कई मौकों पर अपने क्रोध को …

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जानिए, प्रभु श्रीराम के जन्म की पौराणिक कथा के बारे में…

रामायण और रामचरित मानस हमारे पवित्र ग्रंथ हैं। तुलसीदास जी ने श्री राम को ईश्वर मान कर रामचरितमानस की रचना की है किन्तु आदिकवि वाल्मीकि ने अपने रामायण में श्री राम को मनुष्य ही माना है। तुलसीदास जी ने रामचरितमानस को राम के राज्यभिषेक के बाद समाप्त कर दिया है वहीं आदिकवि श्री वाल्मीकि ने अपने रामायण में कथा को आगे श्री राम के महाप्रयाण तक वर्णित …

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