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इसलिए अर्पित करते हैं 56 भोग

भगवान को 56 भोग अर्पित करने की परंपरा सदियों पुरानी है। यह परंपरा प्राचीन काल से जारी है, इसका उल्लेख हिंदू पौराणिक ग्रंथों में मिलता है। कुछ विद्वानों का मत है कि यह परंपरा तब शुरु होगी, जब इतने ही पकवान बनते होंगें। श्रीमद्भागवत पुराण में 56 भोग के बारे में विवरण है। इस पुराण के अनुसार, एक बार गोपिकाओं …

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मकर संक्रांति पर गंगासागर में स्नान करने से मिलता है मोक्ष

पश्चिम बंगाल का तीर्थ स्थल है गंगा सागर, गंगा सागर में मकर संक्रांति के दिन विशाल मेला लगता है। जहां संगम में दुनिया भर से श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने आते हैं। यह वही स्थान है जहां पवित्र गंगा नदी का सागर से संगम होता है। गंगा सागर तीर्थ स्थल, बंगाल की खाड़ी के कॉण्टीनेण्टल शैल्फ में कोलकाता से 150 …

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सबकुछ ठीक ना चल रहा हो तो करें बजरंग बाण का पाठ

असाध्य रोग, शारीरिक कष्ट, मानसिक अशांति, व्यापार में रुकावट होने पर श्रीराम के परमभक्त मंगलमूर्ति मारुति नंदन श्री हनुमान जी की सेवा व पूजा से लाभ मिलता है। श्री हनुमान जी की उपासना के समय बजरंग बाण का विधिपूर्वक श्रद्धाभाव से पाठ करना विशेष फलदायी होता है। मंगलवार या शनिवार के दिन स्नान आदि से निवृत्त होकर पूजा स्थल पर …

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संस्कृति और उल्लास का पर्व है लोहड़ी

लोहड़ी पर्व मकर संक्रांति की पूर्व संध्या पर भारत के उत्तरी राज्यों विशेषकर हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और कुछ अन्य आसपास के राज्यों में मनाया जाता है। लोहड़ी में पंजाब से परिचय लोहड़ी केवल पंजाब तक ही सीमित नहीं है। पर वहां इस त्योहार की बात ही कुछ और है। इस दिन यहां रंग और खुशी अपने शबाब पर …

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चाणक्य नीति: किन बातों से संतुष्ट होना चाहिए, किन से नहीं

चाणक्य के एक दोहे से समझा जा सकता है कि मनुष्य को किन चीजों से संतोष रखना चाहिए और किन चीजों से कभी भी संतुष्ट नहीं होना चाहिए-   तीन ठौर संतोष कर, तिय भोजन धन माहिं। दानन में अध्ययन में, जप में कीजै नाहिं।।   इन तीन चीजों से संतुष्ट रहना चाहिए 1. अपनी स्त्री (पत्नी) हर व्यक्ति को …

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