अष्टमी तिथि में नृत्य, गीत-संगीत, अभिनय, नाटक, रत्न, अलंकार, शस्त्र, युद्ध, वास्तुकर्म, विवाहादि मांगलिक कार्य और प्रतिष्ठादिक कार्य शुभ व सिद्ध होते हैं। नवमी भद्रा संज्ञक तिथि में शुभ व मांगलिक कार्य शुभ नहीं होते। वैसे विग्रह, कलह, मद्यनिर्माण, आखेट, जुआ, अग्निविषादिक असद् कार्य और अभिघातादिक कार्य सिद्ध होते हैं। दशमी तिथि में समस्त शुभ व मांगलिक कार्य …
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घर में है एक्वेरियम तो न करें ऐसी गलती, अन्यथा बिगड़ेंगे आपके काम
एक्वेरियम सिर्फ घर की सुंदरता ही नहीं बढ़ाता बल्कि वास्तु के अनुसार इसकी स्थापना करने से यह समृद्धि और सफलता के द्वार भी खोलता है। ज्योतिष में बताए गए कई उपायों के अनुसार मछली को भोजन देने से जीवन में आने वाले संकट का निवारण हो जाता है। इस प्रकार एक्वेरियम भी आपके भाग्य में आने वाली विभिन्न बाधाओं को दूर …
Read More »कटास राजः PAK के इस मंदिर में गिरे थे शिव के आंसू
इस्लामाबाद। पाकिस्तान हिंदुओं के प्राचीन तीर्थस्थल कटासराज मंदिर का जीर्णोद्धार कराएगा। यह मंदिर राजधानी इस्लामाबाद के नजदीक चकवाल जिले में स्थित है। भारत-पाक विभाजन से पहले यहां काफी संख्या में हिंदू तीर्थयात्री पूजन के लिए आते थे। पाकिस्तान इस मंदिर के जीर्णोद्धार के साथ ही इससे जुड़ी सुविधाओं का भी विस्तार करेगा। तीर्थयात्रियों के लिए तीस कमरों की धर्मशाला …
Read More »पंचक को क्यों माना जाता है अशुभ?
ज्योतिष शास्त्र में पांच नक्षत्रों के समूह को पंचक कहते हैं। ये नक्षत्र हैं धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती। ज्योतिष विज्ञान के अनुसार चंद्रमा अपनी माध्यम गति से 27 दिनों में सभी नक्षत्रों का भोग कर लेता है। इसलिए प्रत्येक माह में लगभग 27 दिनों के अंतराल पर पंचक नक्षत्र आते रहते हैं। पंचक नक्षत्रों …
Read More »टेंशन से बुझ रही है दिमाग की बत्ती तो आजमाएं अध्यात्म का यह गुरुमंत्र
भारतीय संस्कृति के विकास में अध्यात्म की मूल अवधारणा अवस्थित है, लेकिन दिनों-दिन संस्कृति के लुप्त होने के आसार शुरू हो गए हैं। इसका एकमात्र कारण है अध्यात्म चेतना का अवरूद्ध होना। अध्यात्म स्वयं को समझने और जानने की प्रक्रिया है। जब तक व्यक्ति स्वयं को नहीं जान पाता है तब तक व्यक्ति आत्मरमण की प्रक्रिया से नहीं गुजर …
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