आचार्य चाणक्य ने मानव मन आैर मनोविज्ञान के आधार पर अनेक नियम बनाए। उन्होंने साधारण, श्रेष्ठ आैर निकृष्ट विशेषताआें के आधार पर मनुष्यों का मूल्यांकन किया। चाणक्य ने राजनीति में अनेक लोगों के व्यवहार का अध्ययन किया आैर उसी के आधार पर अपने नियमों को लिपिबद्घ किया। जानिए चाणक्य के अनमोल वचन। एक बार काम शुरू कर लें तो असफलता …
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जब शिव को हुआ पछतावा और तोड़ दिया अपना त्रिशूल
त्रिशूल भगवान शिव का अस्त्र माना जाता है। इससे वे भक्तों की रक्षा तथा दुष्टों को दंड देते हैं। भारत में भगवान शिव का एक मंदिर ऐसा भी है जहां उनके खंडित त्रिशूल के टुकड़े जमीन में गड़े हुए हैं। आमतौर पर खंडित मूर्ति और उसके अस्त्रों का पूजन करना निषिद्ध होता है लेकिन यहां भगवान शिव के दर्शन-पूजन के …
Read More »कभी न भूलें स्वामी विवेकानंद का यह गुरुमंत्र, कदमों में रहेगी कामयाबी
स्वामी विवेकानंद जी से एक जिज्ञासु ने प्रश्न किया, मां की महिमा संसार में किस कारण से गाई जाती है। स्वामीजी मुस्कुराए, उस व्यक्ति से बोले, पांच सेर वजन का एक पत्थर ले आओ। जब व्यक्ति पत्थर ले आया तो स्वामीजी ने उससे कहा, अब इस पत्थर को किसी कपड़े में लपेटकर अपने पेट पर बांध लो और चौबीस घंटे …
Read More »नदी में सिक्के क्यों डालने की परंपरा क्यों?
सभी धर्मों में दान मुख्य अंग माना गया है। शास्त्रों के अनुसार दान करना पुण्य कर्म है और इससे ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है। दान के महत्व को ध्यान में रखते हुए इस संबंध में कई नियम बनाए गए हैं। ताकि दान करने वाले को अधिक से अधिक धर्म लाभ प्राप्त हो सके। भारत देश में अनेक परंपराएं ऐसी …
Read More »‘विष्णु पुराण’ के रचियता का यह था सर्वश्रेष्ठ गुण
एक बार राजा त्रिशंकु ने एक विराट यज्ञ का आयोजन किया। यज्ञ के दौरान महर्षि विश्वामित्र और महर्षि वसिष्ठ के पुत्र शक्ति में विवाद हो गया। विवाद इतना बड़ गया कि विश्वामित्र ने शक्ति को शाप दे दिया। जिसके कारण शक्ति और उसके सभी भाईयों को दानवों ने मार दिया। महर्षि वसिष्ठ ने यह सब कुछ देखा किंतु वो क्षमा …
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