प्राचीन मिस्त्र के साम्राज्यवादी युग में ‘अमेनहोतेप’ चतुर्थ जिसे ‘अखातन’ भी कहा जाता है ने एटन (सूर्य) नाम से एक देवता की पूजा शुरू की थी। इस तरह मिस्त्र में एकेश्वरवादी विचारधारा को बल मिला। ‘फरोआ अखातन’ ने मिस्त्र के परम्परावादी धर्म में क्रांतिकारी परिवर्तन किए। उसने सूर्य(एटन) को समूचे विश्व का एकमात्र देवता घोषित कर दिया, वह अपने भाषणों …
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महिलाएं भी कर सकेंगी शनि शिंगणापुर मंदिर में पूजा
औरंगाबाद। महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर उठा विवाद अब शांत हो गया है। लंबे विवाद के बाद मंदिर के ट्रस्ट ने फैसला लिया है कि महिलाएं भी मंदिर में पूजा कर सकती हैं। ट्रस्ट ने शनि भगवान की पूजा करने के लिए महिलाओं को आमंत्रित किया है और कहा है कि महिलाएं भी वैसे ही …
Read More »अनुशासन के बिना विकास नहीं
प्राचीन समय में एक नगर था। वहां एक मठ था। उस मठ के एक वरिष्ठ भिक्षु रहते थे। उनके पास अनेकों सिद्धियां थीं, जिसके चलते उनका सम्मान होता था। सम्मान बहुत बड़ी चीज होती है ये वो जानते थे। इसलिए उनकी महत्वाकांक्षा और कुछ न थी। एक दिन दोपहर के समय वह अपने शिष्यों के साथ ध्यान कर रहे थे। …
Read More »तो क्या देवी सरस्वती का रूप हैं जापानी देवी बेंजाइटन
हिंदू देवी मां सरस्वती, भारत ही नहीं जापान में भी रहती हैं। फर्क इतना सा है कि यहां उनका नाम मां सरस्वती न होकर ‘बेंजाइटन’ है। दरअसल बेंजाइटन जापानी बौद्ध देवी है, जिनका स्वरूप हिंदू देवी मां सरस्वती से मिलता है। 6वी7वीं शताब्दी से जापान में बेंजाइटन देवी की पूजा शुरू हुई जो वर्तमान में भी जारी है। बेंजाइटन देवी …
Read More »यहां हुआ था हनुमानजी का जन्म, एक भूल से बंद हो गया गुफा का द्वार
गुमला। रामभक्त हनुमान अजर-अमर हैं। उनका नाम सप्त चिरंजीवियों में शामिल है। देश-दुनिया में उनके अनेक मंदिर हैं लेकिन हनुमानजी का जन्मस्थान कहां है, इसकी चर्चा कम ही होती है। झारखंड में एक गुफा के बारे में कहा जाता है कि यहां हनुमानजी का जन्म हुआ था। यह स्थान गुमला जिले से करीब 21 किमी की दूरी पर …
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