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तो क्या सीता जी ही माया सीता थीं

भगवान श्रीराम की पत्नी सीता, राजा जनक की पुत्री थीं। रामायण में माता सीता का एक नाम माया (छाया सीता) उल्लेखित है। यह वास्तविक सीता का मिथ रूप है। जब रावण माता सीता का हरण कर लंका ले जाता है तब सीता जी को माया सीता के नाम से संबोधित किया गया है। महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण के अनुसार, …

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जानिए कौन था बभ्रुवाहन और क्या था उसका अर्जुन से संबंध

अर्जुन ने भगवान श्रीकृष्ण की बहन सुभद्रा के अलावा दो और विवाह किए थे। इस बात का विस्तार से उल्लेख महाभारत में मिलता है। अर्जुन ने दूसरा विवाह मणिपुर की राजकुमारी चित्रांगदा जिसका पुत्र बभ्रुवाहन और तीसरा विवाह उलूपी से किया था जिसका पुत्र अरावन था। बभ्रुवाहन अपने नानाश्री की मृत्यु के बाद भारत के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर का राजा …

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भक्ति में रखेंगे इन बातों का ध्यान तो हर कामना पूर्ण करेंगे भगवान

भक्ति शब्द भज धातु से बना है। इसका अर्थ सेवा करना है। भज भजन अर्थात् आराधना के अर्थ में भी है। जब भक्त सेवा या आराधना के द्वारा भगवान से साक्षात संबंध स्थापित कर लेता है तो इसे ही गीता में भक्तियोग कहा गया है।  नारद के अनुसार भगवान के प्रति उत्कट प्रेम ही भक्ति है। शांडिल्य के अनुसार परमात्मा …

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शनिदेव हैं यहां के रखवाले, इस गांव में नहीं लगते घरों पर ताले

अहमद नगर। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार शनिदेव न्याय के देवता हैं। वे हर जीव-जंतु को उसके कर्म देखकर फल देते हैं। देशभर में शनिदेव के अनेक प्राचीन मंदिर हैं। इन पवित्र स्थानों में शनि शिंगणापुर का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। यह महाराष्ट्र के अहमद नगर जिले में स्थित है। यहां लोगों को शनिदेव के इन्साफ पर गहरा विश्वास है, …

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कथा: फिर भी टूट गई संन्यासी की प्रतिज्ञा

एक मशहूर सूफी संत बगदाद में रहते थे। उनके पास रोज बड़ी संख्या में लोग मिलने आते थे। एक बार एक दरवेश उनके पास पहुंचा। उसने देखा कि कहने को तो वह संत हैं, लेकिन वे जिस आसन पर बैठे हैं, वह सोने का बना है।    चारों ओर सुगंध है, जरी के पर्दे टंगे हैं, सेवक हैं तथा रेशमी …

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