सर्वपितृ अमावस्या पितरों को विदा करने की अंतिम तिथि होती है। 15 दिन तक पितृ घर में विराजते हैं और हम उनकी सेवा करते हैं फिर उनकी विदाई का समय आता है। इसीलिए इसे ‘पितृविसर्जनी अमावस्या’, ‘महालय समापन’ या ‘महालय विसर्जन’ भी कहते हैं। अगर कोई श्राद्ध तिथि में किसी कारण से श्राद्ध न कर पाया हो या फिर श्राद्ध …
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पितृ पक्ष में मनचाहा वरदान पाने के लिए इन मन्त्रों का करे जाप, मिलेगा लाभ
इस समय पितृ पक्ष चल रहा है. आप सभी जानते ही होंगे पितृ पक्ष के दौरान पितरों को तर्पण या पिंड दान किया जाता है. ऐसे में आप सभी इस बात से भी वाकिफ ही होंगे कि हिन्दू धर्म के धार्मिक कार्यों की पूर्णता बिना मन्त्रों के नहीं होती है. हर पूजा में मन्त्र अहम होते हैं और अगर मंत्र …
Read More »श्राद्ध पक्ष में अवश्य सुननी या पढ़नी चाहिए जोगे और भोगे की लोककथा
इन दिनों श्राद्ध पक्ष चल रहा है और इन दिनों पितृ के लिए तर्पण करने का अपना ही एक अलग महत्व है. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं श्राद्ध/ पितृ पक्ष की लोककथा. कहा जाता है इस लोक कथा को पढ़ना और सुनना चाहिए क्योंकि यह शुभ होता है. आइए बताते हैं. लोक कथा – जोगे तथा भोगे …
Read More »पितृयान से गए पितर क्यों लौट जाते हैं वापस, जानें- देवयान का ये रहस्य
गति बहुत महत्वपूर्ण है। गति होती है ध्वनि कंपन और कर्म से। यह दोनों ही स्थिति चित्त का हिस्सा बन जाती है। कर्म, विचार और भावनाएं भी एक गति ही है, जिससे चित्त की वृत्तियां निर्मित होती है। योग के अनुसार चित्त की वृत्तियों से मुक्ति होकर स्थिर हो जाना ही मोक्ष है। लेकिन यह चित्त को स्थिर करना आम …
Read More »ये 5 विशेष मंत्र पितृ पक्ष में देंगे मनचाहा वरदान
हमारे धार्मिक कार्यों की पूर्णता बगैर मंत्र के नहीं होती है। श्राद्ध में भी इनका विशेष महत्व है। इसी तरह सूक्त कई हैं। दो सूक्त का उल्लेख पर्याप्त होगा। पहला है पुरुष सूक्त तथा दूसरा है पितृ सूक्त। इनके उपलब्ध न होने पर निम्नलिखित मंत्रों के प्रयोग से श्राद्ध कर्म की पूर्णता हो सकती है। 1. ॐ कुलदेवतायै नम:- 21 …
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