‘बुभुक्षित: किं करोति पापम्। क्षीणा: नरा: निष्करुणा भवन्ति।।’ अर्थात् भूखा व्यक्ति कौन सा पाप नहीं करता। हमारे शास्त्रों में ऐसे अनेक अनुष्ठानों एवं स्तोत्रों का उल्लेख है जिनसे दरिद्रता से मुक्ति मिलती है। वेबदुनिया के पाठकों के लाभार्थ यहां लक्ष्मी प्राप्ति हेतु दुर्लभ ‘अष्टलक्ष्मी स्तोत्र’ दिया जा रहा है। इसके नित्य श्रद्धापूर्वक पाठ करने से मनुष्य को स्थिर लक्ष्मी की …
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आइये जानते हैं कैसे सूर्य देव बचाते हैं रोगों के संक्रमण से…
भारत के सनातन धर्म में पांच देवों की आराधना का महत्व है। आदित्य (सूर्य), गणनाथ (गणेशजी), देवी (दुर्गा), रुद्र (शिव) और केशव (विष्णु)। इन पांचों देवों की पूजा सब कार्य में की जाती है। इनमें सूर्य ही ऐसे देव हैं जिनका दर्शन प्रत्यक्ष होता रहा है। सूर्य के बिना हमारा जीवन नहीं चल सकता। सूर्य की किरणों से शारीरिक व …
Read More »जानिए अधिक मास के 33 देवताओं की पूजा का महत्व, ऐसे करे इन्हें प्रसन्न
हिंदू कैलेंडर में अनुसार हर तीसरे साल में अतिरिक्त मास यानी अधिक मास जुड़ता है। इसका कारण सूर्य और चंद्रमा की वार्षिक चाल में 11 दिनों का अंतर होता है, जिसे पाटने के लिए हर तीसरे वर्ष अधिक को जोड़ दिया जता है। इससे वर्ष में संतुलन हो जाता है जबकि उसे वर्ष चंद्रमास 13 माह का हो जाता है। इस बार अधिकमास 18 …
Read More »अधिक मास की पूर्णिमा पर इन सात चमत्कारिक मंत्रो श्रीविष्णु-लक्ष्मी की पूजा
1 अक्टूबर को अधिक मास की पूर्णिमा है। इस दिन भगवान श्रीविष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा करना भी काफी शुभ माना जाता है। इस दिन धर्म और पुण्य कार्य करने के लिए सर्वोत्तम होता है क्योंकि अधिक मास में पूजन-पाठ करने से अधिक पुण्य मिलता है। इस दिन श्राद्ध, स्नान और दान से कल्याण होता है। अधिक मास …
Read More »नवरात्रि में माँ को जरुर चढायें इन फूलोँ की माला, राशिनुसार पिरोये फूल
आप सभी को बता दें कि नवरात्र के अवसर पर भक्त देवी की आराधना विभिन्न सुगंधित फूलों से करते हैं. ऐसे में भक्त माता को प्रसन्न करने के लिए अलग-अलग रंगों के फूलों को माता को चढ़ाते हैं और कामना करते हैं कि उनकी मनोकामना माँ के द्वारा सुन ली जाए. ऐसे में जब माँ को उनके प्रिय फूलों की …
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