भील जाति की एक कन्या थी श्रमणा, जिसे बाद में शबरी के नाम से जाना गया । बचपन से ही वह भगवान श्रीराम की अनन्य भक्त थी । उसे जब भी समय मिलता, वह भगवान की पूजा- अर्चना करती । बडी होने पर जब उसका विवाह होनेवाला था तो अगले दिन भोजन के लिए काफी बकरियों की बलि दी जानी …
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