बहुत पहले की बात है – तब गिलहरी काली और बदसूरत हुआ करती थी। लोग भी उसे पसंद नहीं करते थे। वह घरों में पहुंच जाती तो लोग उसे भगाने लगते। निराश गिलहरी गांव में एक साधु बाबा के पास रहने लगी। जो बाबा खाते, वह गिलहरी खाती। उनके यज्ञ की साक्षी बनती और पुण्य का लाभ उठाती। धीरे धीरे …
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Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।