पवनपुत्र हनुमान जी की मां अंजनी उनकी शिक्षा को लेकर काफी चिंतित थीं। इसलिए उन्होंने इस बारे में सूर्यदेव से चर्चा की। उन्होंने सूर्यदेव से कहा, ‘‘हे सूर्यदेव, आप बजरंगबली को ज्ञान प्रदान करें। इस समय आपसे श्रेष्ठ शिक्षक तीनों लोकों में कोई नहीं है।’’ बचपन में हनुमान जी ने सूर्यदेव को अपने मुंह में रख लिया था, जिसके कारण …
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Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।