राम की शक्ति पूजा का लेखन निराला ने 23 अक्टूबर 1936 को पूरा कर लिया था और वह इलाहाबाद से प्रकाशित होने वाले एक दैनिक पत्र ‘भारत’ में पहली बार प्रकाशित हुआ। कविता का कथानक राम-रावण के युद्ध और सीता के परित्राण पर आधारित था। लेकिन इस कविता के लिए जिस एक स्रोत से निराला सीधे-सीधे प्रभावित हुए, वह था-बंगाल …
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