-
Meenu Tripathi. posted an update 9 years, 6 months ago
जैसा कि उल्लेखित है कि चंद्रमा का विवाह 27 दक्ष कन्याओं यानी 27 नक्षत्र से हुआ, इनमें एक नक्षत्र रोहिणी भी हैं जो चंद्रमा को अधिक प्रिय हैं। यही कारण है कि चंद्रमा को शाप ग्रस्त होना पड़ा। विवाह के समय जन्म कुंडली मिलान के लिए वर और वधू के जन्म नक्षत्र का ही सबसे अधिक महत्व होता है।
चंद्रमा का नक्षत्रों से मिलन ‘नक्षत्र योग’ और ज्योतिष को ‘नक्षत्र विद्या’ कहा जाता है। अयोग्य ज्योतिषी को वराहमिहिर ने ‘नक्षत्र सूचक’ कहा है। ज्योतिष शास्त्र में अश्विनी नक्षत्र बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग ऊर्जावान, सक्रिय, महत्वाकांक्षी, प्रकृति प्रेमी, अच्छे जीवनसाथी और अच्छे मित्र होते हैं।
अश्विनी नक्षत्र का स्वामी शुक्र ग्रह है। यही कारण है कि इस नक्षत्र में जन्मे लोग विलासितापूर्ण जिंदगी जीते हैं। इसके साथ ही समाज में भी इनकी प्रतिष्ठा बनी रहती है। ऐसे लोग स्वाभिमानी होते हैं, और यदि किसी काम को अपने हाथ में लें ले, तो उसे पूरा करने के बाद ही दम लेते हैं।
इस नक्षत्र में जन्में जातकों का स्वभाव में उतावला रहता है। ये किसी बात पर बहुत जल्दी गुस्सा हो जाते हैं। इस नक्षत्र के जातक को दबाव या ताकत से वश में नहीं किया जा सकता। ऐसे जातक बाहर से सख्त रवैया अपनाते हैं लेकिन यह भीतर से कोमल होते हैं। इन व्यक्तियों का बचपन संघर्ष में गुजरता है।रावण के भाई ने बसाया था यह शहर रघुकुल के अंतिम राजा थे अग्निवर्ण.
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।