जानें वास्तु के अनुसार कहां और कैसा होना चाहिए आईना?

क्या शीशे और सौभाग्य का कोई संबंध होता है? क्या घर की दीवार पर टंगा हुआ आईना दुर्भाग्य का कारण बन सकता है? आखिर किन चीजों को नजरंदाज करने पर दर्पण आपके दु:ख कारण बन जाता है? इन सभी सवालों के जवाब वास्तु शास्त्र में मिलते हैं। वास्तु के अनुसार सही जगह पर लगा आईना जहां आपकी तरक्की का कारण बनता है तो वहीं गलत जगह पर लगा या फिर टूटा-चटका हुआ शीशा आपके घर की ऊर्जा के प्रवाह को प्रभावित करता है। गलत दिशा पर लगा आईना नकारात्मक ऊर्जा पैदा करता है। ऐसे में आईना लगाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है।
इस दिशा में लगाएं दर्पण
आईना लगाते समय उसकी दिशा का विशेष ध्यान रखें। जैसे सकारात्मक ऊर्जा पाने के लिए दर्पण को हमेशा पूर्व और उत्तर वाली दीवारों पर इस प्रकार लगाना चाहिए कि देखने वाले का मुख पूर्व या उत्तर में रहे। आईने से जुड़े इस वास्तु के नियम को अपनाने से जीवन में उन्नति एवं धन लाभ के अवसर बढ़ जाते हैं।
यहां भूलकर भी न लगाएं आईना 

वास्तु के अनुसार कभी भी बेडरूम में आईना नहीं लगाना चाहिए। बेडरूम में आईना लगाने से पति-पत्नी के बीच सामंजस्य में कमी आती है। आपसी विश्वास घटने लगता है और दोनों के बीच मतभेद बढ़ने लगता है। यदि यहां पर आईना लगाना मजबूरी या जरूरी हो तो उसे इस तरह रखें कि बेड पर सोते समय आपका प्रतिबिंब नजर न आए। इसके लिए आप उस पर कपड़ा भी डाल सकते हैं।
कैसा हो आईना
घर में कभी भी टूटे, चटके और धुंधले दिखाई पड़ने आईने नहीं रखने चाहिए। ऐसे आईने दुर्भाग्य और तमाम तरह की परेशानी का कारण बनते हैं।
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