इस स्थान पर ज्वाला के रूप में विराजमान है मां ज्वाला

अभी तक आपने सिर्फ अपने माता की मूर्तियों के हे दर्शन किये होंगे पर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में कालीधार पहाड़ियों के बीच माँ एक ज्वाला की ज्योत के रूप में विराजमान है. इस मंदिर को माँ के शक्ति पीठो में से एक माना जाता है कहते है की यहाँ सती माता की जिव्हा गिरी थी.

इस मंदिर में ज़मीन से अलग अलग नौ जगहों से ज्वाला निकल रही है. जिनके ऊपर मंदिर बनवा दिया गया है , कहते है कि बादशाह अकबर ने इस ज्योति को बुझाने का बहुत प्रयास किया था पर सफल नहीं हो पाया और उसे भी माता के चमत्कार को मानना पड़ा था. तब उसने माँ पर सोने का छत्र चढ़ाया था. लेकिन माँ ने वो छत्र कबूल नहीं किया था व अपने आप गिर के किसी और रूप में बदल गया था .

इस मंदिर में एक मान्यता ये भी है कि गोरखनाथ जी ने चूल्हे पर पानी चढाया और माँ से बोले की तू पानी देख मैं  भिक्षा लेकर आता हु. इतने में समय परिवर्तन हो गया और कलयुग आ गया और गोरखनाथ जी नहीं आये. तभीसे माँ आग जलाकर उनकी प्रतीक्षा कर रही है. इस मंदिर में दर्शन मात्र से सारी मनोकामनाए पूरी हो जाती है.

इन विशेष परिस्थितियों में भगवान शिव के इस मंत्र का करना चाहिए जाप
महागौरी की आराधना में इस मंत्र का करे जाप, मन को मिलेगी शांति

Check Also

काशी में क्यों खेली जाती है चिता की राख से होली? जानें

 सनातन धर्म में होली के पर्व का बेहद खास महत्व है। इस त्योहार को देशभर …