पूरे देश में 4 नवम्बर को करवा चौथ मनाया जाएगा। यह फेस्टिवल राजस्थान, यूपी, मध्य प्रदेश तथा पंजाब सहित कई प्रदेशो में बेहद धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं तैयार होकर चांद की पूजा करती हैं। करवा चौथ के दिन सोलह श्रृंगार की खास अहमियत होती है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, करवाचौथ का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को रखा जाता है। ये व्रत सुहागिन महिलाऐं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं।
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि कि करवा चौथ की पूजा से पूर्व तथा बाद में भजन-कीर्तन करें। इससे वातावरण में सकारात्मकता आती है तथा उपासना का पूरा फल प्राप्त होता है। इस बार करवा चौथ 4 नवंबर को है। कहा जाता है कि इस दिन महिलाओं को सोलह श्रृंगार करके ही पूजा में सम्मिलित होना चाहिए। इनमें मेंहदी, चूड़िया, मांग टीका के अतिरिक्त और भी चीजों को सोलह श्रृंगार में सम्मिलित किया है। करवा चौथ’ का पर्व हिन्दुओं का प्रसिद्द फेस्टिवल है। यह हिन्दू कैलेण्डर के मुताबिक, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस दिन को ‘गणेश चतुर्थी’ भी कहते हैं।
मान्यता है कि अपने प्रिय पुत्र श्री गणेश को खास दर्जा दिलाने के लिए मां पार्वती ने शिव से कामना की थी। प्रभु शिव ने मां पार्वती की पूजा स्वीकार कर श्री गणेश को गणों में सबसे प्रथम वंदना करने का वरदान दिया था। तब से शुभ कार्य होने से पूर्व श्री गणेश का पूजन किया जाता है। करवा चौथ के दौरान मार्केटों में महिलाओं की बहुत भीड़ दिखाई पड़ती है। महिलायें नए कपड़ों को क्रय करने के साथ ही डिज़ाईनर करवे भी क्रय करती हैं। ग्रामीण स्त्रियों से लेकर आधुनिक महिलाओं तक सभी नारियाँ करवाचौथ का व्रत बडी़ श्रद्धा और उत्साह के साथ रखती हैं।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।