जैन, सिख और बौद्ध धर्म में ऐसे मनाते हैं दीपावली

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दस्तक टाइम्स/एजेंसी:

दीपावली हिंदू धर्म के लोग ही नहीं बल्कि जैन धर्म, बौद्ध धर्म के लोग भी मनाते हैं। विश्व के कई ऐसे देश हैं जहां दीपावली मनाई जाती है। दीपावली खुशियों और प्रकाश का त्योहार है। इसे मनाने के पीछे इन धर्मों में कोई न कोई कारण है। ऐसे ही कारणों पर गौर करें तो इनका उद्देश्य एक दूसरे को खुशियां बांटना है।

राजा विक्रमादित्य की कहानी: राजा विक्रमादित्य ज्ञानवान, दयावान और बहादुर राजा थे। वह 56 ई.पू. राजा के रूप में घोषित किए गए। कहते हैं उनके राजा बनने की खुशी में राज्य के लोगों ने आनंद उत्सव मनाया। लोगों ने मिट्टी के छोटे-छोटे दीपक प्रज्वलित किए। तभी से यह परंपरा त्योहार के रूप में परिवर्तित हो गई। बहुत से इतिहासकारों ने इस बात की पुष्टि की है।

दयानंद सरस्वती की कहानी: आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती ने कार्तिक अमावस्या के दिन ही निर्वाण प्राप्त किया था। उन्‍होंने उस समय हिंदू धर्म की तमाम विसंगतियों को ठीक करने की पहल की। और इस तरह आर्य समाज की स्थापना हुई। दीपावली का त्योहार उनके निर्वाण दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।

जैन धर्म की कहानी : जैन धर्म में दीपावली का बड़ा महत्व है। इसी दिन जैन धर्म के अंतिम तीर्थंकर महावीर स्वामी को निर्वाण की प्राप्ति हुई थी। उन्हीं के निर्वाण दिवस के रूप में दीपावली मनाई जाती है।

सिख धर्म की कहानी: सिख धर्म अनुसार इस दिन ग्वालियर शहर से सिखों के छठवें गुरु गोविंद सिंह कैद से लौटे थे। इसलिए यह दिन दीपावली के दिन के रूप में मनाया जाने लगा।

 
 
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