पांचवां और सबसे बड़ा कारण स्वयं भगवान श्री राम हैं। तुलसी दास जी ने रामचरित मानस में लिखा है ‘होइहि सोइ जो राम रचि राखा।’ यानी भगवान राम की इच्छा के बिना कुछ भी नहीं होता । भगवान राम स्वयं ही अपनी लीला को पूरा करने के लिए वन जाना चाहते थे क्योंकि वन में उन्हें हनुमान से मिलना था। सबरी का उद्धार करना था। धरती पर धर्म और मर्यादा की सीख देनी थी। इसलिए जन्म से पहले ही राम यह तय कर चुके थे कि उन्हें वन जाना है और पृथ्वी से पाप का भार कम करना है।