शिवलिंग को भगवान शिव का ही स्वरूप माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, प्रतिदिन या सोमवार के दिन शिवलिंग का अभिषेक करने से शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। कई लोग घर में भी शिवलिंग स्थापित करते हैं और रोजाना इसकी पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि शिवलिंग पर चढ़े हुए भोग को प्रसाद के रूप में ग्रहण करना चाहिए या नहीं।
ये है मान्यता
प्रत्येक देवी-देवता को चढ़ाया गया भोग प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है, लेकिन शिवलिंग पर चढ़ाए गए प्रसाद को लेकर यह मान्यता है कि इसे ग्रहण नहीं करना चाहिए। इसके पीछे एक पौराणिक कथा भी मिलती है।
पौराणिक कथा
शिव पुराण में वर्णन मिलता है कि, भगवान शिव के मुख से चण्डेश्वर नामक गण प्रकट हुआ, जिसे भूत-प्रेतों का प्रधान माना जाता है। ऐसे में शिवलिंग पर चढ़ाया गया प्रसाद चण्डेश्वर का माना जाता है। इसलिए शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद ग्रहण करना भूत-प्रेतों का भोजन ग्रहण करने के समान माना है। यही कारण है कि शिवलिंग पर चढ़ाया प्रसाद खाने की मनाही है।
इस बातों का रखें ध्यान
यदि आपने धातु या पारद के शिवलिंग पर भोग अर्पित किया है, तो इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जा सकता है। इससे किसी प्रकार का दोष नहीं लगता। वहीं, शिव जी प्रतिमा पर चढ़ाए गए भोग को ग्रहण करना शुभ माना जाता है। शिव पुराण के अनुसार इस प्रसाद से असंख्य पापों का नाश होता है।
प्रसाद से जुड़े जरूरी नियम
शिवलिंग पर कुछ चीजों को चढ़ाना वर्जित माना गया है। जिसमें तुलसी दल और हल्दी शामिल है। शिवलिंग के प्रसाद को पीतल या चांदी के धातु के बने पात्र में रखकर भोग लगाना चाहिए। इसे कभी भी जमीन में नहीं चढ़ाना चाहिए। पूजा पूरी होने के बाद इस प्रसाद को भगवान के पास से उठा लें।
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