आमलकी एकादशी पर आंवले से जुड़े करें ये उपाय

सनातन धर्म में सभी तिथियां किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है। एकादशी तिथि भी भगवान विष्णु को समर्पित है। इस बार फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 20 मार्च को है। इस एकादशी को आमलकी एकादशी और रंगभरी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने का विधान है। शास्त्रों में आंवले के पेड़ से संबंधित उपायों के बारे में बताया गया है। माना जाता है कि इन उपायों को करने से वैवाहिक जीवन में खुशियों का आगमन होता है और जीवन की सभी परेशानियों से छुटकारा मिलता है। आइए जानते हैं आमलकी एकादशी के दिन किए जाने वाले उपायों के बारे में।

करें ये उपाय

  • अगर आप वैवाहिक जीवन में सुख-शांति चाहते हैं, तो आमलकी एकादशी व्रत करें और सुबह स्नान करने के बाद आंवले के पेड़ की जड़ में कच्चा दूध अर्पित कर पुष्प, अक्षत, रोली और गंध चढ़ाएं। साथ ही सच्चे मन से पूजा करें और पेड़ की 7 परिक्रमा लगाएं। माना जाता है कि ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में खुशियों का आगमन होता है।
  • आमलकी एकादशी के दिन घर में आंवले के पेड़ को लगाना बेहद शुभ माना गया है। इस पेड़ के असर से सकारात्मक ऊर्जा और धन की देवी मां लक्ष्मी का वास होता है। नियमित रूप से आंवले के पेड़ की पूजा और जल अर्पित करने से धन में वृद्धि होती है।
  • इसके अलावा आमलकी एकादशी के अवसर पर आंवले को कुछ समय के लिए जल में रखें और इसके बाद पानी को पूरे घर में छिड़क दें। साथ ही ‘ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम:’ मंत्र का जाप करें। माना जाता है कि इस उपाय को करने से घर में सुख-शांति आती है और गृह क्लेश की परेशानी दूर होती है।
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