पोइला बोइशाख का दिन बंगाली समुदाय में बेहद शुभ माना गया है। यह नए वित्तीय वर्ष (Bengali New Year 2024) की शुरुआत का प्रतीक है। इस शुभ दिन व्यवसायिक लोग नए लेखांकन के रूप में मनाते हैं। साथ ही किसान भगवान से अपनी अच्छी फसल की प्रार्थना करते हैं क्योंकि इस दिन से नई फसल के मौसम की शुरुआत होती है।
हर एक समुदाय की अपनी एक खास संस्कृति होती है। वैसे ही बंगाली समुदाय में पोइला बोइशाख का विशेष महत्व है, क्योंकि इसी दिन से बंगालियों के नववर्ष की शुरुआत होती है। पोइला बोइशाख को पोहेला बैसाख के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन को बंगाली लोग बड़े ही धूमधाम और श्रद्धाभाव के साथ मनाते हैं।
कब है पोइला बैसाख 2024 ?
यह शुभ दिन हर साल बैसाख महीने के पहले दिन मनाया जाता है। इस साल यह 14 अप्रैल को भव्यता के साथ मनाया जाएगा। इस दिन का इंतजार लोग पूरे साल बेसब्री से इंतजार करते हैं, जो कि आज पूरा हो चुका है। बता दें, पोइला बैसाख नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है।
इस शुभ दिन व्यवसायिक लोग नए लेखांकन के रूप में मनाते हैं। साथ ही किसान भगवान से अपनी अच्छी फसल की प्रार्थना करते हैं, क्योंकि इस दिन से नई फसल के मौसम की शुरुआत होती है।
कैसे मनाते हैं पोइला बोइशाख ?
- पोइला की शुरुआत लोगों द्वारा भगवान से आशीर्वाद लेने के साथ होती है।
- बंगाली व्यवसाय के मालिक इस दिन को ‘हाल खाता’ नामक एक नई लेखांकन पुस्तक की शुरुआत के रूप में मनाते हैं।
- इस दिन समृद्ध जीवन के लिए भगवान ‘गणेश’ और ‘लक्ष्मी’ की विशेष पूजा का विधान है।
- नए साल का स्वागत करने के लिए लोग इस दिन अपने घरों को फूल-मालाओं और अल्पनाओं से सजाते हैं।
- कहा जाता है कि यह अवसर स्वादिष्ट व्यंजनों के बिना अधूरा माना जाता है।
- इस दिन को विशेष बनाने के लिए लोग अक्सर शुक्तो, चोलर दाल, शोरशे इलिश जैसे बंगाली खाने की चीजें तैयार करते हैं।
- इस दिन बंगाली लोग नए कपड़े पहनते हैं।
- इसके साथ ही लोग अपने परिवार के साथ समय बिताते हैं, दोस्तों के घर जाते हैं और रिश्तेदारों को रात के खाने के लिए आमंत्रित करते हैं।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।