आज यानी 09 जुलाई को आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि है। साथ ही आज बुधवार व्रत भी किया जा रहा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, विधिपूर्वक भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं और बिगड़े काम पूरे होते हैं। बुधवार के दिन कई योग का निर्माण हो रहा है। ऐसे में आइए जानते हैं पंचांग और शुभ योग के बारे में।
तिथि: शुक्ल चतुर्दशी
मास पूर्णिमांत: आषाढ़
दिन: बुधवार
संवत्: 2082
तिथि: 10 जुलाई को चतुर्दशी प्रातः 01 बजकर 36 मिनट तक
योग: ब्रह्मा रात्रि 10 बजकर 09 मिनट तक
करण: गरज दोपहर 01 बजकर 11 मिनट तक
करण: 10 जुलाई को वणिज दोपहर 01 बजकर 36 बजे तक
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: सुबह 05 बजकर 30 मिनट पर
सूर्यास्त: शाम 07 बजकर 22 मिनट पर
चंद्रोदय: शाम 06 बजकर 28 मिनट पर
चन्द्रास्त: 10 जुलाई को सुबह 04 बजकर 34 मिनट पर
सूर्य राशि: मिथुन
चंद्र राशि: धनु
पक्ष: शुक्ल
शुभ समय अवधि
अभिजीत: कोई नहीं
अमृत काल: रात्रि 10 बजे से रात्रि 11 बजकर 43 मिनिट तक
अशुभ समय अवधि
गुलिक काल: प्रात: 10 बजकर 42 मिनट से दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक
यमगंड: प्रात: 07 बजकर 14 मिनट से प्रात: 08 बजकर 58 मिनट तक
राहु काल: दोपहर 12 बजकर 26 से मिनट 02 बजकर 10 मिनट तक
आज चंद्रदेव मूल नक्षत्र में प्रवेश करेंगे…
मूल नक्षत्र: 10 जुलाई को प्रातः 04 बजकर 50 मिनट तक
सामान्य विशेषताएं: क्रोधी, स्थिर मन, अनुशासनप्रिय, आक्रामक, गंभीर व्यक्तित्व, उदार, मिलनसार, दानशील, ईमानदार, कानून का पालन करने वाले, अहंकारी और बुद्धिमान
नक्षत्र स्वामी: केतु
राशि स्वामी: बृहस्पति
देवता: निरति (विनाश की देवी)
प्रतीक: पेड़ की जड़े
गणेश मंत्र
ऊँ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा ॥
ऊँ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् ॥
‘गणपूज्यो वक्रतुण्ड एकदंष्ट्री त्रियम्बक:।
नीलग्रीवो लम्बोदरो विकटो विघ्रराजक :।।
धूम्रवर्णों भालचन्द्रो दशमस्तु विनायक:।
गणपर्तिहस्तिमुखो द्वादशारे यजेद्गणम।।
ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।