सावन का महीना, भगवान शिव की भक्ति और आराधना के लिए सबसे पवित्र समय माना जाता है। इस दौरान पड़ने वाले सभी सोमवार का विशेष महत्व है, क्योंकि सोमवार और सावन भगवान शिव को समर्पित है। सावन के महीने में सोमवार का व्रत रखने और भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
इसके साथ ही जीवन में खुशहाली आती है। इस साल सावन में कुल 4 सोमवार पड़ेंगे, जिसमें सावन का पहला सोमवार 14 जुलाई को पड़ रहा है।
सावन सोमवार की पूजा विधि
सावन सोमवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें।
पूजा स्थल की सफाई करें और गंगाजल छिड़कें।
भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें।
व्रत का संकल्प लें।
शिवलिंग पर सबसे पहले गंगाजल, फिर दूध और पंचामृत चढ़ाएं।
इसके बाद बिल्व पत्र, धतूरा, भांग, सफेद फूल, फल, मिठाई और चावल अर्पित करें।
घी का दीपक और धूप जलाएं।
‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जाप करें।
अंत में भगवान शिव की आरती और सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें।
व्रत के दौरान अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसे में सिर्फ फलहारी पर ही व्रत रखें।
शाम को दोबारा भगवान शिव की पूजा करें और चंद्रमा को अर्घ्य दें।
अगले दिन व्रत का पारण करें और दान-पुण्य करें।
सावन सोमवार 2025 कब है?
हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पहला सावन का सोमवार व्रत पड़ रहा है। वहीं, इस तिथि की शुरुआत 14 जुलाई को रात 01 बजकर 02 मिनट पर होगी। साथ ही इसका समापन 14 जुलाई को देर रात 11 बजकर 59 मिनट पर होगा। ऐसे में 14 जुलाई को सावन सोमवार का पहला व्रत रखा जाएगा।
शिव पूजन मंत्र
ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा। ।।
म्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।।
,देवाय नमस्तस्मै पिनाकिने । नमस्तस्मै भगवते कैलासाचल वासिने ।
आदिमध्यांत रूपाय मृत्युनाशं करोतु मे।।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।