भाद्रपद पूर्णिमा का दिन भगवान विष्णु माता लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा के लिए समर्पित है। इस साल यह 7 सितंबर 2025 को मनाई जाएगी। वहीं इस रात कुछ खास उपाय करने से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं तो आइए इस तिथि से जुड़े कुछ उपाय को जानते हैं।
पूर्णिमा तिथि का हिंदुओं में अत्यधिक धार्मिक महत्व है।
यह भगवान विष्णु को समर्पित है।
इस दिन दान का बड़ा ही महत्व है।
भाद्रपद पूर्णिमा का दिन हिंदू धर्म में बहुत ही शुभ माना जाता है। यह दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा के लिए समर्पित है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल भाद्रपद पूर्णिमा 7 सितंबर 2025, दिन रविवार को पड़ रही है। वहीं, इस रात कुछ विशेष उपाय करने से जीवन की हर बाधा दूर हो सकती है और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है, तो आइए उन खास उपाय (Bhadrapada Purnima Night Upay) को जानते हैं।
चंद्रमा को अर्घ्य – भाद्रपद पूर्णिमा की रात चंद्रमा को अर्घ्य देना बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसे में एक चांदी के पात्र में जल, दूध, चावल और चीनी मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य दें। इस उपाय को करने से कुंडली में चंद्रमा मजबूत होता है और मानसिक शांति मिलती है।
मां लक्ष्मी की पूजा – इस रात माता लक्ष्मी की पूजा जरूर करें। पूजा में लाल वस्त्र पहनें और देवी को लाल फूल, कमल का फूल और खीर का भोग लगाएं। इससे धन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं।
पीपल के पेड़ की पूजा – भाद्रपद पूर्णिमा की रात पीपल के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाएं। पीपल के पेड़ को भगवान विष्णु का निवास माना जाता है। यह उपाय पितृ दोष से मुक्ति पाने और जीवन में सफलता प्राप्त करने में मदद करता है।
सत्यनारायण कथा का पाठ – इस रात घर में सत्यनारायण भगवान की कथा का पाठ करें। कथा के बाद प्रसाद को बांटें। ऐसा करने से सत्यनारायण भगवान की कृपा से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
तुलसी के पास दीपक – भाद्रपद पूर्णिमा की रात तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाएं। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
दान – पूर्णिमा तिथि की रात दान का संकल्प लें, फिर अगले दिन सुबह जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े और अनाज का दान करें। कहा जाता है कि दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही श्री हरि की कृपा मिलती है।