30 सितंबर या 01 अक्टूबर, कब है महानवमी?

वैदिक पंचांग के अनुसार 22 सितंबर से शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो रही है। इस दौरान मां दुर्गा के 09 रूपों की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही व्रत किया जाता है। इसके समापन की तिथि पर कन्या पूजन किया जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं नवमी की डेट और शुभ मुहूर्त के बारे में।

वैदिक पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्र की शुरुआत होती है, जिसका नवमी तिथि पर कन्या पूजन के साथ होता है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, कन्या पूजन करने से साधक को शारदीय नवरात्र का पूर्ण फल प्राप्त होता है। साथ ही मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है। कन्या पूजन के दिन कन्याओं को भोजन करवाया जाता है और दक्षिणा दी जाती है। इससे जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

महानवमी 2025 डेट और शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि की शुरुआत 30 सितंबर को शाम 06 बजकर 06 मिनट पर होगी और समापन 01 अक्टूबर को रात 07 बजकर 01 मिनट पर होगा। इस बार 01 अक्टूबर को महानवमी मनाई जाएगी।

इन बातों का रखें ध्यान
कन्या पूजन के लिए मंदिर और घर की साफ-सफाई का खास ध्यान रखें, क्योंकि गंदे स्थान पर मां दुर्गा का वास नहीं होता है। कन्या पूजन करने से पहले घर और मंदिर की साफ-सफाई करें। इसके बाद गंगाजल का छिड़काव कर शुद्ध करें।

कन्या पूजन में 2, 5, 7 या 9 कन्याओं को भोजन करवाना शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, कन्या पूजन को विधिपूर्वक करने से साधक के जीवन में आ रहे दुख और संकट दूर होते हैं। साथ ही शुभ फल की प्राप्ति होती है।

कन्या पूजा के दिन काले रंग के वस्त्र धारण न करें। इसके अलावा किसी के बारे में गलत न सोचें और किसी से वाद-विवाद न करें।

सनातन धर्म में कन्या पूजन का विशेष महत्व है। इस दिन कन्या पूजन के लिए सात्विक भोजन बनाना चाहिए। भोजन को बनाते समय मां दुर्गा के नाम का ध्यान करें।

कन्या पूजन के बाद कन्याओं को दक्षिणा देनी चाहिए। इस दौरान उनका मान-सम्मान करें।

इन चीजों का करें दान
शारदीय नवरात्र की नवमी तिथि पर कन्या पूजन करने के बाद मंदिर या गरीब लोगों में गेहूं, चावल, जौ का दान करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, नवमी के दिन दान करने से साधक पर मां दुर्गा की कृपा बरसती है। साथ ही धन लाभ के योग बनते हैं।

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