जीवन की आस देते श्री सांई बाबा के ग्यारह वचन

श्री सांई बाबा कलियुग में दीव्य तेजस्वी अवतार हुए हैं। बाबा ने कभी भी अपने लिए कुछ नहीं रखा और सभी के भले के लिए ही लगे रहे। श्री सांई शरीर स्वरूप में तो अपने श्रद्धालुओं के बीच से चले गए हैं लेकिन आज भी वे अपने श्रद्धालुओं के लिए मौजूद हैं। स्वयं श्री सांई बाबा ने कहा है कि वे सदैव अपने भक्तों के बीच रहेंगे। इस बात के प्रमाण इस बात से मिलते हैं कि बाबा के चमत्कारिक अनुभव आज भी लोगों के बीच होते हैं। बाबा को याद करने पर श्रद्धालु उन्हें अपने ही बीच  पाता है। श्री सांई बाबा ने अपने श्रद्धालुओं को अपने वचन कहे। जिन्हें पढ़कर या जिनका स्मरण कर श्रद्धालु शांति का अनुभव करता है। बाबा ने अपने वचनों में यही कहा है कि जो भी शिरडी में आएगा उसके सभी कष्ट वे दूर करेंगे। शरीर त्यागने के बाद भी वे अपने भक्तों के बीच रहेंगे।

भक्तों द्वारा याद करने भर से बाबा उनकी समस्या का समाधान करेंगे। श्री सांई बाबा ने कहा है कि उनकी समाधि के प्रति दृढ़ विश्वास रखने वाले की हर इच्छा पूरी होती है। ऐसा अनुभव श्रद्धालुओं का आज भी होता है। श्री सांई की जागृत धुनियों और शिरडी समाधि के दर्शन कर मनोकामना करने से बाबा वह मनोकामना पूरी करते हैं।

आज भी लोगों को ऐसा अनुभव होता है जैसे उन्होंने बाबा को पुकारा और किसी न किसी माध्यम से उन्हें सहायता मिली। कोई व्यक्ति आकर उनकी सहायता कर गया। यही नहीं बाबा ने कहा है कि एक बार भक्त के आ जाने पर वे अपने भक्त का सारा दायित्व अपने पर ले लेते हैं और ऐसा कोई नहीं है जो बाबा के मंदिर आकर खाली हाथ ही लौटा हो।

अगर कहीं न हो आपका उद्धार तो फिर आइए मेंहदीपुर बालाजी के दरबार
क्या आप जानते है विभिन्न रंगों से विशेषकामना के लिए होता है श्री गणेश का पूजन

Check Also

 वरुथिनी एकादशी के दिन करें इस चालीसा का पाठ

वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi 2024) का पर्व कृष्ण पक्ष के ग्यारहवें दिन मनाया जाता है। …