युवराज ने संन्यास के वक्त जिस महापुरुष के नाम का जिक्र किया, वो ब्रह्म ज्ञानी संत बाबा राम सिंह जी गंडुआं वाले है. यह युवराज के कुल गुरू हैं. युवराज कोई भी काम करने से पहले गुरुजी का आशीर्वाद लेना कभी नहीं भूलते.
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