बृहस्पति यानी गुरु ने 5 नवंबर 2019 को स्वराशि धनु में गोचर किया है और 29 मार्च 2020 तक इसी राशि में रहेंगे। गुरु के राशि परिवर्तन का असर सभी राशियों पर असर होगा। इसके साथ ही शनि देव और केतु भी गुरु देव के स्वागत के लिए पहले से ही धनु राशि में मौजूद हैं।

गुरुदेव लगभग 143 माह बाद अपने स्वयं के घर मे आ रहे हैं। वे धनु राशि से अपनी आशीर्वाद भरी निगाहें 5वें, 7वें और 9वें घर पर डालकर लाभ पहुंचाएंगे। अगर कुछ विषम प्रभाव भी होते हैं तो उसका सीधा संबंध आपके पुराने कर्ज, पिछले कर्मों का लेन-देन है। ऐसे में छोटे-छोटे उपायों से न सिर्फ गुरु बल्कि शनि और केतु को भी अनुकूल किया जा सकता है।
आजमाएं ये 8 खास उपाय
1. आपके गुरु स्थान को स्वच्छ करें, जहां साधना या गुरु पूजन करते हैं या तस्वीर रखते हैं।
2. अपने मुख्य द्वार पर दोनों तरफ कच्चे दूध में जल और हल्दी मिलाकर डालें।
3. अगर जीवन में गुरु नहीं हैं तो माता-पिता को प्रणाम करें।
4. पुराने शिक्षकों से मिलने जाएं। उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
5. गुरुद्वारा जाएं और आराधना करें। वहां तो गुरुग्रंथ साहिब ही गुरु के रूप में हैं, जो साक्षात ज्ञान और मार्गदर्शक हैं।
6. अपने सबसे पुराने नौकर, अधीनस्थ, घर के बुजुर्ग या अपने नाई के नाम से किसी मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण करवाएं।
7. यदि ध्वजा चढ़ाना मुश्किल हो तो अपने नौकर के नाम से किसी मंदिर में दान की रसीद कटाएं।
8. अपने अधीनस्थ को कोई भी ज्ञान की पुस्तक दान करें एवं उनसे उस पुस्तक के बारे में चर्चा करें।
दरअसल, सभी ग्रह शरीर के किसी अंग, रिश्ते या बाहरी गतिविधि से संबंध रखते हैं।
गुरु देव लिवर, पति, शिक्षक, मार्गदर्शक के रूप में हमारे जीवन में प्रतिनिधित्व करते हैं। इन उपायों से पति-पत्नी के रिश्तों में सुधार होगा। अविवाहित कन्याओं का विवाह होगा। भ्रम की दुनिया में रहने वाले लोग ज्ञान की दुनिया में आएंगे।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।