गोस्वामी तुलसीदास जी को संस्कृत का विद्वान और महान कवि माना जाता है। उन्होंने अपने जीवनकाल में कई पुस्तकें लिखी है। हिंदू धर्म का सबसे पवित्र ग्रंथ रामचरितमानस भी गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा ही लिखा गया है, जिसे पढ़कर आप अपने जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा ले सकते हैं।

तुलसीदास जी कहते हैं ईश्वर ने इस संसार को कर्म प्रधान बना रखा है। जो मनुष्य जैसा कर्म करता है, उसका फल भी उसे वैसा ही मिलता है। इसलिए हमें अपने कर्म पर भरोसा रखना चाहिए। यहीं हमारे जीवन में आगे बढ़ने का मार्ग तय करेगा।
तुलसीदास के अनुसार जैसे पौधे में फल लगने से झुक जाते हैं और वर्षा के आने से बादल झुक जाता हैं, ठीक वैसे ही मुनष्य के पास धन आ जाने पर उसके अंदर नम्रता का वास हो जाना चाहिए।
तुलसीदास के अनुसार सही मनुष्य वही होता है, जो खुद परेशानी सहकर दूसरों को सुख देता है। जैसे वृक्ष खुद ताप सहकर दूसरों को छांव देता है।
तुलसीदास जी कहते हैं, हमें अपने कद से ज्यादा पांव नहीं फैलाना चाहिए। वहीं सपना देखो, जिसे पूरा कर सको, वरना उलझने कभी खत्म नहीं होगी।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।