युधिष्ठिर के दोनों हाथ जलाना चाहते थे भीम….

महाभारत से जुडी ऐसी कई कहानियां है जो लोगों को नहीं पता है. महाभारत में एक प्रसंग ऐसा भी है जब भीम युधिष्ठिर पर बहुत गुस्सा हो गए और उन्होंने सहदेव से अग्नि लाने को कहा, जिससे वे युधिष्ठिर के दोनों हाथ जला सकें. जी हाँ, आज हम आपको बताने जा रहे हैं वह पूरा प्रसंग…

प्रसंग – जब युधिष्ठिर जुए में द्रौपदी को हार गए तो भरी सभा में द्रौपदी का अपमान किया गया. यह देखकर भीम को बहुत गुस्सा आया. कहा जाता है तब भीम ने युधिष्ठिर से कहा कि-आपने जुए में जो धन हारा है, उससे मुझे क्रोध नहीं है, लेकिन द्रौपदी को आपने जो दांव पर लगाया है, यह बहुत ही गलत है. द्रौपदी अपमान करने के योग्य नहीं है, लेकिन आपके कारण ये दुष्ट कौरव उसे कष्ट दे रहे हैं और भरी सभा में अपमानित कर रहे हैं. द्रौपदी की इस दशा का कारण आप हैं. इसलिए मैं आपके दोनों हाथ जला डालूंगा.

वहीँ इतना कहने के बाद भीम सहदेव को अग्नि लाने को कहते हैं. भीम की ये बात सुनकर अर्जुन ने उन्हें समझाया कि- युधिष्ठिर ने क्षत्रिय धर्म के अनुसार ही जुआ खेला है. इसमें इनका दोष नहीं है. उसके बाद अर्जुन की बात सुनकर भीम का क्रोध शांत हो गया और वे बोले कि ये बात मैं भी जानता हूं नहीं तो मैं बलपूर्वक इनके दोनों हाथ अग्नि में जला डालता.

मानव स्वयं होता है अपने दुःख का कारण
तो इन्होने दी थी कृष्णा को बंसी....

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