भगवान शिव को सावन का महीना सर्वाधिक प्रिय होता है। सावन माह की शुरुआत सोमवार के साथ हुई थी और और इसका समापन भी सोमवार के दिन ही होगा। सावन माह का आज दूसरा सोमवार है। सावन माह में ही नागपंचमी का त्यौहार भी आता है। इस बार नाग देवता का यह त्यौहार शनिवार, 25 जुलाई को मनाया जाएगा। सावन के साथ ही भगवान शिव को नाग भी अधिक प्रिय है। 
आप सब इस बात से भली-भांति परिचित होंगे कि भगवान शिव के गले में सदा एक नाग विराजित रहता है। लेकिन क्या आप उस सांप के नाम के बारे में जानते हैं ? आपका जवाब आएगा नहीं। तो चलिए आपको भगवान शिव के गले में विराजित सांप का नाम बताते हैं। भगवान शिव के गले में जो नागदेवता विराजित है, उनका नाम वासुकि है।
वासुकि सदा भगवान शिव के गले में विराजित रहते हैं। भगवान शिव को जो सबसे अधिक प्रिय है, उनमे वासुकि का भी नाम शामिल है। नाग देवता को पंचमी तिथि का स्वामी भी कहा जाता है और हर साल नागपंचमी मनाने के पीछे के यह एक ख़ास वजह है। सावन माह की शुक्ल पंचमी की तिथि नाग देवता को समर्पित है। इस दिन हिंदू धर्म के लोग व्रत भी रखते हैं और नाग देवता का विशेष पूजन भी होता है। कई लोग घरों में ही नाग देवता की पूजा करते हैं, तो वहीं कई लोग मंदिरों में जाकर पूजा-पाठ करते हैं। इस बार खास बात यह है कि नागपंचमी के दिन ही भगवान कल्कि की जयंती भी है।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।