14 नवंबर को रोशनी का पावन त्यौहार दिवाली है। प्रत्येक वर्ष यह फेस्टिवल कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। यह खुशियों तथा सुख-समृद्धि का पर्व है। दिवाली में लोग एक-दूसरे को शुभकामनाओं के साथ-साथ मिठाई तथा गिफ्ट्स देते हैं। किन्तु कई बार लोग भूलवश एक दूसरे को कुछ ऐसे उपहार दे देते हैं जिसका नकारात्मक असर दोनों पर पड़ता है। शास्त्रों में कुछ उपहार वर्जित तथा अशुभ माना गया है।
प्रभु श्री कृष्ण तथा अर्जुन को कुरुक्षेत्र के युद्ध में गीता का उपदेश देते हुए का चित्र न तो किसी को गिफ्ट में किसी को देना चाहिए तथा न ही घर की दीवार पर लगना चाहिए। अक्सर व्यक्ति दिवाली के वक़्त एक दूसरे को देवी-देवताओं के चित्र को देते हैं। किन्तु इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि ऐसे चित्र जिनमें देवता उग्र स्थिति में या युद्ध करते हुए नजर आए, गिफ्ट में नहीं देना चाहिए। शास्त्रों में ऐसे गिफ्ट जैसे रामायण, महाभारत ग्रंथ, जंगली जानवर, अकाल तथा सूर्यास्त के चित्र को गिफ्ट में ना ही किसी को देना चाहिए तथा ना ही लेना चाहिए।
दीपावली पर मां लक्ष्मी की प्रतीक्षा सभी करते हैं। ऐसे में यदि किसी को गिफ्ट में मां लक्ष्मी की तस्वीर देनी हो तो हमेशा बैठी हुई मां लक्ष्मी की अवस्था का फोटो ही देना चाहिए। शास्त्रों में लक्ष्मीजी का घर में बैठना या स्थिर स्थिति में ही शुभ माना जाता है। गिफ्ट में कभी भी कांटेदार वृक्ष जैसे कैक्टस अथवा बोनसोई के वृक्ष नहीं देना चाहिए। यह लेने तथा देने वाले दोनों के लिए अशुभ होता है। नीचे गिरते हुए झरने के पानी का फोटो भी गिफ्ट में नहीं देना चाहिए तथा न ही किसी से लेना चाहिए।